प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे गुरुवार(14 सितंबर) को अहमदाबाद में भारत की पहली बुलेट ट्रेन का शिलान्यास कर दिया है। 15 अगस्त 2022 तक यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा। मुंबई से अहमदाबाद रूट पर चलने वाली देश की पहली बुलेट ट्रेन के जरिये यात्री समुद्र के अंदर यात्रा करने का रोमांच अनुभव कर सकेंगे।
(AFP File Photo)महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना में शामिल रेलवे मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुंबई से अहमदाबाद के बीच 508 किमी लंबे रेल कॉरिडोर में समुद्र के अंदर करीब 21 किमी की सुरंग बनाई गई है। जेआईसीए की विस्तृत परियोजना रिपट के अनुसार इस रेल कॉरिडोर के ज्यादातर हिस्से को ऊंचे ट्रैक पर बनाने का प्रस्ताव है, लेकिन ठाणे के बाद विरार की ओर जाने पर यह कॉरिडोर समुद्र के अंदर बनी सुरंग से गुजरेगा।
यह ट्रेन 508 किमी का फासला तीन घंटे में तय करेगी। मौजूदा समय में यह दूरी तय करने में सात से आठ घंटे का समय लगता है। बुलेट ट्रेन की रफ्तार 320 किमी/घंटे के करीब होगी। बुलेट ट्रेन बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स से शुरू होकर ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलीमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद के रास्ते साबरमती पहुंचेगी। इनमें से इनमें से बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स, ठाणे, विरार और बोईसर ही महाराष्ट्र में हैं बाकी गुजरात में।
इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 97,636 करोड़ रुपये है। परियोजना का करीब 81 प्रतिशत वित्तपोषण जापान की ओर से उपलब्ध कराए गए कर्ज से होगा। रेलवे सूत्रों के मुताबिक परियोजना की कुल लागत में संभावित लागत वृद्धि भी शामिल है। अधिकारी ने बताया कि यह कर्ज 0.1 प्रतिशत सालाना ब्याज दर से 50 वर्षों के लिए है, जिसकी कर्ज स्थगन की अवधि 15 साल होगी।
जापान के साथ कर्ज समझौते के मुताबिक रेल के डिब्बे, इंजन और सिग्नल एवं बिजली प्रणाली जैसे अन्य उपकरणों को जापान से आयात किया जाएगा। रेलमंत्री का दावा है कि बुलेट ट्रेन ही नहीं, उसकी तकनीक भी भारत को मिलेगी इसलिए आने वाले वक्त में भारत ज्यादा बुलेट ट्रेनों का निर्माण करेगा और सस्ती दर पर बनी इन ट्रेनों को दूसरे देशों को निर्यात कर सकेगा।
Janta Ka Reporter