केरल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े एक संगठन की नेता के भाषण में राज्य के धर्मनिरपेक्ष लेखकों से मृत्युंजय जाप कराने के लिए कहने से राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। दरअसल, केरल हिंदू ऐक्य वेदी के राज्य प्रमुख केपी शशिकला टीचर ने धर्मनिरपेक्ष लेखकों को महामृत्युंज हवन कराने की सलाह दी है, ताकि उनका हश्र पत्रकार गौरी लंकेश जैसा न हो। बता दें कि ऐक्य वेदी आरएसएस समर्थक संगठनों का साझा मंच है।
Photo: AFPन्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या से बीजेपी और उसकी विचारधारा के लोगों को जोड़ने के आरोपों की ओर इशारा करते हुए पी शशिकला ने शुक्रवार को कहा था कि उन्हें इस तरह का काम करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक में कांग्रेस इस तरह के मुद्दों को भुनाने का प्रयास कर रही है और पार्टी लगातार चुनावी हार का सामना कर रही है।
साथ ही शशिकला ने केरल के धर्मनिरपेक्ष लेखकों से आग्रह किया कि गौरी लंकेश जैसा कुछ उनके साथ नहीं हो, उससे बचने के लिए भगवान शिव के मंदिरों में मृत्युंजय जाप कराएं जो लंबे जीवन की प्रार्थना के लिए किया जाता है।
मुख्यमंत्री पी विजयन और कांग्रेस के नेताओं ने शशिकला के भाषण की तीखी आलोचना की।
विजयन ने कन्नूर में शशिकला का नाम लिये बिना कहा कि चिंतकों और लेखकों को मृत्युंजय जाप कराने के लिए कहना केरल के समाज द्वारा की गई प्रगति को नुकसान पहुंचाना है। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने सरकार से अनुरोध किया कि शशिकला के विवादास्पद भाषण के लिए उनके खिलाफ आईपीसी की गैर-जमानती धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया जाए।
कांग्रेस विधायक वी डी सतीशन ने आरोप लगाया कि शशिकला ने धर्मनिरपेक्ष लेखकों को धमकाया है। बता दें कि इससे पहले कर्नाटक के बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री जीवराज ने कहा था कि अगर गौरी लंकेश RSS के लोगों की मौत के जश्न के बारे में ना लिखती तो शायद आज जिंदा होतीं।
गौरतलब है कि हिंदुत्ववादी राजनीति पर मुखर नजरिया रखने वाली 55 वर्षीय पत्रकार गौरी लंकेश की बेंगलुरु स्थित उनके आवास पर अज्ञात लोगों ने मंगलवार(5 सितंबर) शाम गोली मारकर हत्या कर दी थी। कर्नाटक सरकार ने इस सनसनीखेज हत्याकांड की जांच के लिये विशेष जांच दल का गठन करने का फैसला किया है।