1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामला: देखें बीते 24 साल के दौरान कब, क्या-क्या हुआ?

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मुंबई की एक अदालत ने 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में गुरुवार(7 सितंबर) को ताहिर मर्चेंट और फिरोज अब्दुल राशिद खान को मौत की सजा सुनाई, जबकि प्रत्यर्पित करके भारत लाए गए गैंगस्टर अबू सलेम को उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने सलेम के अलावा इस मामले के संबंध में करीमुल्लाह खान को भी उम्रकैद की सजा सुनाई। जबकि अदालत ने रियाज सिद्दीकी को 10 साल की सजा सुनाया गया है।

File Photo: Hindustan Times

इस मामले में एक अन्य दोषी मुस्तफा डोसा की 28 जून को दिल का दौरा पड़ने से मुंबई के एक अस्तपाल में मौत हो चुकी है। इससे पहले टाडा अदालत ने इस सिलसिलेवार बम ब्लास्ट मामले 16 जून 2017 को 24 साल बाद मुख्य मास्टरमाइंड मुस्तफा डोसा और प्रत्यपर्ति कर भारत लाए गए गैंगस्टर अबू सलेम समेत छह लोगों को दोषी ठहराया था। बता दें कि इन धमाकों में 257 लोग मारे गए थे।

जानें, कब क्या हुआ?

  • 12 मार्च, 1993: 12 बम विस्फोटों से दहल गई मुंबई। 257 लोगों की जान गई और 713 अन्य घायल हुए।
  • 19 अप्रैल, 1993: बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त अभियुक्त संख्या 117 की गिरफ्तारी।
  • 4 नवंबर, 1993: संजय दत्त सहित 189 आरोपियों के खिलाफ 10,000 से अधिक पन्नों का पहला आरोप-पत्र दाखिल किया गया।
  • 19 नवंबर, 1993: मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई।
  • 10 अप्रैल, 1995: टाडा अदालत ने 26 आरोपियों को आरोप मुक्त किया। शेष अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय। सुप्रीम कोर्ट ने दो अन्य अभियुक्तों को आरोप मुक्त किया। इनमें ट्रैवल एजेंट अबु असीम आजमी समाजवादी पार्टी के नेता और अमजद मेहर बख्श शामिल थे।
  • 19 अप्रैल, 1995: मुकदमे की सुनवाई का पहला चरण शुरू हुआ।
  • 18 सितंबर, 2002: पुर्तगाल के लिस्बन में अबु सलेम की गिरफ्तारी।
  • 20 मार्च, 2003: सीबीआई ने अभियुक्त मुस्तफा दोसा को दुबई से लौटने पर नई दिल्ली के इन्दिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर गिरफ्तार किया।
  • सितंबर, 2003: मुख्य मुकदमे की सुनवाई पूरी। मुंबई की टाडा अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा।
  • नौ जनवरी, 2004: दोसा के खिलाफ आरोप तय किए गए।
  • 11 नवंबर, 2005: सलेम को भारत प्रत्यर्पित किया गया।
  • नौ दिसंबर, 2005: सलेम के खिलाफ आरोप तय।
  • 13 जून, 2006: अबु सलेम के मुकदमे को अलग किया गया।
  • 12 सितंबर, 2006: टाडा अदालत के न्यायाधीश पी.डी कोडे ने फैसला सुनाना शुरू किया। मेमन परिवार के चार सदस्यों को दोषी ठहराया और तीन को बरी कर दिया। बाद में, 12 दोषियों को मौत की सजा और 20 दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई। अन्य दोषियों को अलग-अलग अवधि की सजा दी गई।
  • फरवरी 2007: मुख्य मुकदमा खत्म हुआ। मुकदमे के दूसरे चरण में सात अभियुक्तों के खिलाफ सुनवाई शुरू।
  • 16 मार्च, 2013: सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोष सिद्धि बरकरार रखने पर संजय दत्त ने अदालत में आत्म समर्पण किया।
  • 21 मार्च, 2013: सुप्रीम कोर्ट ने टाइगर मेमन के भाई याकूब मेमन की फांसी की सजा बरकरार रखी, और 10 दोषियों की मौत की सजा उम्रकैद में बदली। साथ ही 18 में से 16 दोषियों की उम्रकैद की सजा भी बरकरार रखी।
  • 13 अगस्त, 2013: टाडा अदालत ने सलेम के खिलाफ कुछ आरोपों को हटा दिया, जिनसे पुर्तगाल के साथ प्रत्यार्पण संधि का उल्लंघन हुआ था।
  • 30 जुलाई, 2015: मुख्य साजिशकर्ता और मामले में फांसी की सजा पाने वाले एकमात्र दोषी, याकूब मेमन को फांसी दी गई।
  • सात दिसंबर, 2015: मुकदमे की सुनवाई के दूसरे चरण में अंतिम बहस शुरू।
  • आठ जून, 2016: अदालत ने आरोपी फिरोज अब्दुल राशिद की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने कहा था कि वह सरकारी गवाह बनना चाहता है।
  • मार्च 2017: सुनवाई पूरी हुयी।
  • 16 जून, 2017: टाडा अदालत के न्यायाधीश जी.ए.सनप ने सलेम और दोसा सहित छह अभियुक्तों को दोषी ठहराया और एक को बरी किया।
  • 28 जून, 2017: मुंबई अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से दोसा की मौत हो गई।
  • सात सितंबर, 2017: अदालत ने ताहिर मर्चेंट और फिरोज अब्दुल राशिद खान को मौत की सजा, अबु सलेम और करीमुल्लाह खान को उम्रकैद और रियाज सिद्दीकी को 10 साल कैद की सजा सुनाई।
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