उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में नवजातों की मौत का मामला अभी ठंडा ही नहीं हुआ कि अब झारखंड में इंसेफलाइटिस और निमोनिया से 800 से ज्यादा बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। आपको बता दें कि इन दोनों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है।
(REUTERS Representative Photo)न्यूज एजेंसी IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड के दो मेडिकल अस्पतालों में इस साल अब तक 800 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें से ज्यादातर मौतें इंसेफलाइटिस की वजह से हुई हैं। इस साल अब तक राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) में 660 बच्चों की मौत और जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेमोरियल अस्पताल में 164 मौतें होने की खबर है।
एजेंसी को रिम्स के सूत्रों ने बताया कि 51 प्रतिशत बच्चों की मौत इंसेफलाटिस, 17 फीसदी निमोनिया व बाकी की दूसरे कारणों से हुई जिनमें मलेरिया, सांप का कांटना, सांस की समस्या व कम वजन है। इस मामले में राजेंद्र इंस्टिट्यूट मेडिकल साइंस (रिम्स) के निदेशक डॉ बी.एल. शेरवाल ने कहा कि इस साल 4,855 बच्चे भर्ती किए गए और 4,195 को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई।
जबकि 660 बच्चों को बचाया नहीं जा सका। उन्होंने कहा कि हमने 86.40 फीसदी बच्चों का इलाज किया। IANS को सूत्रों ने बताया कि बीते साल रिम्स में 1,118 बच्चों की मौत हुई थी। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी से व्यक्तिगत तौर पर महात्मा गांधी मेमोरियल अस्पताल व गुमला के सदर अस्पताल में बच्चों की मौत की जांच करने को कहा है।
साथ ही मौतों पर हंगामा होने के बाद रिम्स के अधीक्षक डॉ ए.एस.के चौधरी को हटा दिया गया है। उनके स्थान पर विवेक कश्यप को रिम्स का नया अधीक्षक बनाया गया है। रिम्स के निदेशक शेरवाल ने स्वास्थ्य विभाग को खुद को पद से मुक्त करने के लिए पत्र लिखा है। उन्हें प्रतिनियुक्ति पर प्रभार दिया गया था। इस साल सदर अस्पताल से चिकित्सकीय लापरवाही की वजह से सात मौत के मामले सामने आए हैं।
BRD मेडिकल कॉलेज में 290 बच्चों की मौत
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में नवजातों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मेडिकल कालेज में अगस्त महीने अब तक 290 बच्चों की मौत हो चुकी है।
न्यूज एजेंसी PTI को आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पिछले रविवार(27 अगस्त) और सोमवार(28 अगस्त) को नवजात सघन चिकित्सा कक्ष (एनआईसीयू) में 26 तथा इंसेफेलाइटिस वार्ड में 11 समेत कुल 37 बच्चों की मृत्यु हुई है।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर पी. के. सिंह ने बताया कि इस वर्ष अब तक इंसेफेलाइटिस, एनआईसीयू तथा सामान्य चिल्ड्रेन वार्ड में कुल 1250 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस माह 28 अगस्त तक एनआईसीयू में 213 और इंसेफेलाइटिस वार्ड में 77 समेत कुल 290 बच्चे मरे हैं।