उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में नवजातों की मौत सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सीएम योगी की चेतावनी के बाद भी बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर बड़ी संख्या में बच्चों की मौत का मामला सामने आया है।
FILE PHOTO: HTएनआईसीयू और पीआईसीयू में पिछले 48 घंटों में 42 बच्चों की मौत हो गई है, जबकि तीन दिनों के दौरान 61 मासूमों ने दम तोड़ दिया है। बीते 24 घंटे में ही 25 बच्चों की मौत हो चुकी है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर पीके सिंह ने न्यूज एजेंसी ANI से मौत के आंकड़ों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि बीआरडी अस्पताल में 27 और 28 अगस्त के दौरान 48 घंटे में 42 बच्चों की मौत हो चुकी है।
42 children died in 48 hours of which 7 due to #encephalitis ,rest due to other reasons:PK Singh,Principal BRD Medical College #Gorakhpur pic.twitter.com/55iPImxMjC
— ANI UP (@ANINewsUP) August 30, 2017
वहीं, हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, पिछले तीन दिनों(72 घंटे) में 61 बच्चों की मौत हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 27, 28 और 29 अगस्त को इस अस्पताल में 61 बच्चों की जान जा चुकी है। इनमें 11 बच्चों की मौत इंसेफेलाइटिस (दिमागी बुखार) वार्ड में हुई है। जबकि 25 बच्चों की मौत बाल चिकिस्ता विभाग और 25 मासूमों की मौत नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष में हुई है।
गोरखपुर में मीडिया से बातचीत में डॉ. पीके सिंह ने कहा कि अस्पताल में इस वक्त ऑक्सीजन और दवाओं की कोई कमी नहीं है, लेकिन अस्पताल पहुंचने तक बच्चों की हालत इतनी बिगड़ चुकी होती है कि डॉक्टर पूरी कोशिश के बावजूद उन्हें बचा नहीं पा रहे हैं। बता दें कि इसी महीने 10 अगस्त को इसी मेडिकल कॉलेज में बड़ी संख्या में हुई बच्चों की मौत ने सबको हैरान कर दिया था।
पूर्व प्रिंसिपल और उनकी पत्नी गिरफ्तार
इस बीच यूपी एसटीएफ ने मंगलवार(29 अगस्त) को कानपुर के साकेत नगर से बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर राजीव मिश्र और उनकी पत्नी डॉक्टर पूर्णिमा मिश्र को गिरफ्तार कर लिया। पिछले दिनों ऑक्सीजन के अभाव में 60 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में एफआईआर के बाद से ही दोनों फरार थे। कानपुर के एक नामी वकील के घर से गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ दोनों आरोपियों को लेकर लखनऊ लेकर चली गई।
बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में अगस्त के दूसरे हफ्ते में ऑक्सीजन की कमी से छह दिनों में सैकड़ों मासूमों की मौत हो गई थी। मामले में लखनऊ के हजरतगंज थाने में मेडिकल कालेज के तत्कालीन प्रिंसिपल डॉ. राजीव मिश्र, उनकी पत्नी पूर्णिमा मिश्र, ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म पुष्पा सेल्स के संचालकों और बीआरडी अस्पताल के डॉ. कफील खान समेत नौ कर्मचारियों-डॉक्टरों पर गैरइरादतन हत्या, लापरवाही व भ्रष्टाचार की धारा में आरोपी बनाया गया था।
दरअसल, 10-11 अगस्त की रात को इस अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से महज पांच दिन के भीतर 100 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 12 अगस्त को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। हालांकि, मुख्य सचिव की रिपोर्ट में बच्चों की मौत का कारण ऑक्सीजन की कमी नहीं बताया गया था। इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कड़ा रूख अपनाते हुये चिकित्सा विभाग की अपर मुख्य सचिव अनीता भटनागार जैन का तबादला कर दिया गया था।