झारखंड: स्वास्थ्य केंद्र बंद होने के चलते सड़क पर बच्चे को जन्म देने पर मजबूर हुई लाचार मां

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भारत के अलग-अगल राज्यों से हर रोज कोई न कोई ऐसी तस्वीर सामने आ ही जाती है, जिसे देखकर हमें शर्मसार होना पड़ता है। देश के किसी राज्य में जब कोई गरीब व्यक्ति बीमार होता है तो वो सरकारी अस्पतालों का सहारा लेता है, लेकिन जब सरकारी अस्पतालों में गरीब इंसान को कोई मदद नहीं मिलती है तो उनपर क्या बितती होगी उसका अंदाजा आप इसी ख़बर से लगा सकते है।

जिसका ताजा मामला झारखंड के सरायकेला जिले के चांडिल से सामने आया है जो मानवता को शर्मनाक कर देने वाला है। प्रभात ख़बर के मुताबिक, चांडिल की एक 17 साल की गर्भवती लड़की ने सड़क पर ही अपने बच्चे को जन्म दिया है। ख़बर के अनुसार, लड़की अविवाहित है और अपनी विधवा मां के साथ रहती थी।

लेकिन जब उसकी मां को यह मालूम हुआ कि वह गर्भवती है, तो उसकी मां ने उसे घर से निकाल दिया। घटना चांडिल डैम रोड स्थित रानी सती मंदिर के निकट की बताई जा रही है। मां द्वारा घर से निकाल दिये जाने के बाद वह यहां वहां भटकती रहती थी।

आज तड़के तीन बजे से उसे प्रसव पीड़ा होने लगी तो वह चांडिल के स्वास्थ्य केंद्र पहुंची लेकिन स्वास्थ्य केंद्र बंद था। लड़की बहुत चीखी और दरवाजा भी खटखटाया लेकिन केंद्र का दरवाजा नहीं खुला और सुबह छह बजे उसने स्वास्थ्य केंद्र के बाहर ही बच्चे को जन्म दे दिया।

ख़बरों के मुताबिक, घटना की जानकारी मिलने पर भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से ना तो कोई डॉक्टर आया और ना ही एंबुलेंस। बच्चे के जन्म के बाद ग्रामीणों ने महिला को उठाकर टेंपो के जरिये स्वास्थ्य केंद्र में भरती कराया लेकिन उससे पहले वह सड़क पर प्रसव पीड़ा से कराहती रही।

बता दें कि इससे पहले भी ख़बर आई थी कि, छत्तीसगढ़ के जशपुर में अस्पताल कर्मियों की लापरवाही और मनमाने ढंग से अस्पताल को संचालित करने के चलते एक स्थानीय महिला का खुले में प्रसव करवाना पड़ा। संस्थागत प्रसव कराने प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंची गर्भवती महिला ने अस्पताल बन्द होने से खुले आसमान के नीचे ही खेल मैदान में बच्चे को जन्म दे दिया।

 

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