भारत के अलग-अगल राज्यों से हर रोज कोई न कोई ऐसी तस्वीर सामने आ ही जाती है, जिसे देखकर हमें शर्मसार होना पड़ता है। देश के किसी राज्य में जब कोई गरीब व्यक्ति या उसके परिवार में कोई बीमार होता है तो वो सरकारी अस्पतालों का सहारा लेता है, लेकिन जब सरकारी अस्पतालों से भी गरीबों को दुत्कार दिया जाता है तो उसके बाद क्या होता है वो कोई नहीं जानता है।
फोटो- ndtvझारखंड की राजधानी में एक अस्पताल ने एक बच्चे का इलाज करने से सिर्फ इसलिए मना कर दिया, क्योंकि उसके पिता के पास इलाज के लिए पूरे पैसे नहीं थे, अस्पताल के इस रवैये के कारण एक साल के बच्चे की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस(RIMS) में एक बच्चें का सीटी स्कैन होना था।
सीटी स्कैन के लिए 1350 रुपये की जरूरत थी और पिता के पास केवल 1300 रुपये ही थे। उसने लैब स्टॉफ से स्कैन करने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने टेस्ट करने से साफ इनकार कर दिया। करीब आधे घंटे तक यह दौर चलता रहा और इसी बीच बच्चे की मौत हो गई।
झारखंड पुलिस के मुताबिक, सिर में चोट के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बच्चे के पिता संतोष कुमार ने बताया कि डॉक्टरों ने सीटी स्कैन कराने के लिए कहा था। सीटी स्कैन के लिए 1350 रुपये की जरूरत थी। संतोष के पास केवल 1300 रुपये थे।उसने लैब स्टॉफ से स्कैन करने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने श्याम का टेस्ट करने से इनकार कर दिया, बाद में जांच के अभाव में बच्चे की मौत हो गई।
ख़बरों के मुताबिक, श्याम के पिता संतोष कुमार जगन्नाथपुर के मौसीबाड़ी का रहनेवाला है, रिक्शा चला कर किसी तरह अपने परिवार को जीवन चलाता है।