त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार द्वारा दूरदर्शन और आकाशवाणी पर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उनके भाषण को प्रसारित नहीं करने की खबरों पर प्रसार भारती ने बुधवार(16 अगस्त) को सफाई देते हुए इन आरोपों को खारिज कर दिया। बता दें कि त्रिपुरा के सीएम और माकपा की तरफ से मंगलवार यानी 15 अगस्त को दूरदर्शन और आकाशवाणी पर उनके भाषण को प्रसारित न करने का आरोप लगाया गया था।
बुधवार को इस मामले में दूरदर्शन और आकाशवाणी का संचालन संभालने वाले प्रसार भारती की तरफ से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में सभी आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद करार देते हुए खारिज कर दिया गया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि कुछ न्यूज रिपोर्ट्स में कहा गया है कि प्रसार भारती और दूरदर्शन द्वारा त्रिपुरा के सीएम के स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम को कवरेज नहीं किया गया।
त्रिपुरा के दूरदर्शन मुख्यालय के प्रमुख यूके साहू की तरफ से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘मैं बताना चाहता हूं कि अगरतला स्थित दूरदर्शन के लोकल स्टेशन की न्यूज यूनिट ने मुख्यमंत्री की पब्लिक स्पीच की अच्छी-खासी कवरेज की है।’ इसके अलावा मुख्यमंत्री के भाषण की कवरेज त्रिपुरा के जिलों के स्थनीय न्यूज बुलेटिन में भी की गई है।
उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त 2017) को दूरदर्शन ने मुख्यमंत्री के कार्यक्रम और उसकी रिपोर्ट 29 मिनट और 45 सेकंड तक चलाई। इसमें से मुख्यमंत्री का भाषण करीब 12 मिनट की थी। यह टेलिकास्ट शाम 7 बजे हुआ। साथ ही इस कार्यक्रम का पुन: प्रसारण बुधवार (16 अगस्त 2017) को भी शाम 4:45 पर हुआ। ऐसे में सीएम के कार्यक्रम की कवरेज न करने के आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, त्रिपुरा सरकार की ओर से जारी बयान में आरोप लगाया गया है कि दूरदर्शन और आकाशवाणी ने 12 अगस्त को सरकार का भाषण रिकॉर्ड कर लिया और सोमवार शाम 7 बजे मुख्यमंत्री कार्यालय को एक पत्र के जरिये सूचित किया गया कि उनके भाषण को जब तक नया रूप नहीं दिया जाता, तब तक इसे प्रसारित नहीं किया जाएगा।
सीएम कार्यालय के बयान में दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि वह अपने भाषण में एक शब्द भी नहीं बदलेंगे तथा इस कदम को उन्होंने ‘अलोकतांत्रिक, निरंकुश और असहिष्णु’ करार दिया। सरकार का भाषण मंगलवार(15 अगस्त) को त्रिपुरा में दूरदर्शन और आकाशवाणी पर प्रसारित होना था।
इस मामले में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि दूरदर्शन, आरएसएस-बीजेपी की निजी संपत्ति नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने लोगों को निर्देश दे रहे हैं कि विपक्ष की आवाज को दबा दिया जाए। माकपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा गया, ‘दूरदर्शन ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार का भाषण प्रसारित करने से इनकार किया। क्या प्रधानमंत्री मोदी इसी सहयोगात्मक संघवाद की बात करते हैं? शर्म की बात है।’