VIDEO: ‘साम्प्रदायिकता के विरोध में ममता, लालू और केजरीवाल ने अब तक नहीं किया कोई समझौता’

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार (31 जुलाई) को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ सरकार बनाने के बाद पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पत्रकारों के सवालों का जवाब दिए थे। इस प्रेसवार्ता में उन्होंने महागठबंधन टूटने की वजह बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा था कि कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई मुकाबला नहीं है।

उन्होंने कहा था कि देश में अब किसी नेता में यह क्षमता नहीं है कि उनका मुकाबला कर सके। उनके सिवाय कोई दूसरा 2019 में दिल्ली की गद्दी पर काबिज नहीं हो सकता। नीतीश के इस बयान के बाद टीवी चैनलों पर अनेक तरह की बहसें छिड़ गई। ईटीवी के कार्यक्रम ‘बिग बुलेटिन’ में बोलते हुए ‘जनता का रिपोर्टर’ के प्रधान संपादक रिफत जावेद ने कई अहम सवालों के जवाब दिए।

नीतीश के बयान पर एंकर ने रिफत से सवाल किया कि 2019 के चुनावों को देखते हुए कहा जा सकता है कि क्या पीएम मोदी विपक्ष के मनोबल को तोड़ने में कामयाब हो रहे है? इस पर रिफत जावेद ने कहा कि अगर नीतिश कुमार ऐसा बोल रहे है तो वह लोगों को बेवकूफ बना रहे है। मुझे नहीं लगता कि वह भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बिल्कुल भी गम्भीर है।

रिफत जावेद ने कैग की रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा सरकार की अंदरूनी हालात को कैग की रिपोर्ट ने उजागर कर दिया है, बावजूद सरकार अभी तक ज़मीनी मुद्दों से दूर हटकर काम कर रही है। आगे उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी साम्प्रदायिकता को मुद्दा बनाकर 2019 का चुनाव लड़ेगी तो बिल्कुल नहीं जीत पाएगी।

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