10 साल की रेप पीड़िता को सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी गर्भपात की इजाजत

0

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार(28 जुलाई) को 10 साल की रेप पीड़िता की याचिका को खारिज करते हुए गर्भपात की इजाजत नहीं दी है। यह नाबालिग लड़की 32 सप्ताह की गर्भवती है। कोर्ट ने लड़की की मेडिकल रिपोर्ट पर विचार करते हुए उसकी याचिका को खारिज कर दिया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि गर्भपात करना लड़की और उसके बच्चे दोनों के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

file photo

पीटीआई के मुताबिक, साथ ही शीर्ष अदालत ने केंद्र को सुझाव दिया है कि प्रत्येक राज्य में ऐसे मामलों में तत्परता से निर्णय लेने के लिए स्थाई मेडिकल बोर्ड गठित करे। गौरतलब है कि 18 जुलाई को चंडीगढ़ कोर्ट ने भी लड़की की याचिका को खारिज कर दिया था। दरअसल, कोर्ट के संज्ञान में यह बात आई थी कि लड़की 26 सप्ताह की गर्भवती है। इसके बाद वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

अलख ने जनहित याचिका में देश के हर जिले में स्थायी मेडिकल बोर्ड के गठन को लेकर उचित दिशानिर्देश जारी करने की मांग की थी। बोर्ड के गठन की मांग हर संभव स्वास्थ्य सुविधाओं के बीच रेप पीड़ित बच्चियों के जल्द गर्भपात कराने के लिए की गई थी। बता दें कि देश की अदालतों ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनैंसी ऐक्ट के तहत 20 सप्ताह के भीतर गर्भपात की इजाजत दी है और वह भी उस हालात में जब गर्भ में पल रहा शिशु असामान्य हो।

Previous articlePTI sacks photographer after Smriti Irani tweets about its incorrect image of Ahmedabad airport
Next articleसोशल मीडिया: ‘नवाज शरीफ हमारे यहां होते तो GST और गुजरात टूरिज्म के ब्रांड एंबेसडर बनाये जाते’