गुजरात विधानसभा और राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस का दामन छोड़ने वाले विधायकों की बाढ़ आ गई है। शुक्रवार(28 जुलाई) को कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। गुरुवार को तीन और शुक्रवार को दो विधायकों द्वारा पार्टी का दामन छोड़ने के बाद एक और विधायक ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।बलवंत सिंह राजपूत, डॉक्टर तेजश्री पटेल, पीआई पटेल, छनाभाई चौधरी और मान सिंह चौहान के बाद अब रामसी परमार ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि दो दिन के अंदर अब तक छह विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं।
Gujarat Congress MLA Ramsinh Parmar submits his resignation to Assembly Speaker.
— ANI (@ANI) July 28, 2017
राज्य में विधानसभा और राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले विधायकों का टूटना कांग्रेस के लिए बहुत ही बुरी खबर है। क्योंकि चंद दिनों और साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। इन विधायकों के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है और कयास लगाए जा रहे हैं कि और विधायक पार्टी छोड़ सकते हैं।
इससे पहले राज्य के बड़े नेताओं में से एक शंकर सिंह वाघेला द्वारा कांग्रेस छोड़ने के बाद गुरुवार को कांग्रेस के तीन विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। तीनों विधायकों ने ना सिर्फ इस्तीफा दिया, बल्कि तीनों विधायक भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) में शामिल हो गए हैं।
कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थामने वाले तीनों विधायकों में बलवंत सिंह राजपूत, तेजश्री पटेल और पी एल पटेल का नाम शामिल हैं। बता दें इसी साल गुजरात की तीन राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। इनमें कांग्रेस नेता अहमद पटेल की सीट भी है। छह विधायकों के इस्तीफे के बाद अहमद पटेल का राज्यसभा जाना भी अब अधर में लटक सकता है।
शंकर सिंह वाघेला का इस्तीफा
बता दें कि इससे पहले गुजरात में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए पार्टी के कद्दावर नेता शंकर सिंह वाघेला ने शुक्रवार(21 जुलाई) को पार्टी छोड़ने का ऐलान किया था। वाघेला ने अपने जन्मदिन पर कांग्रेस छोड़ने का ऐलान करने के साथ ही उन्होंने खुद को सक्रिय राजनीति से अलग करने की बात कही थी।
वाघेला ने कहा था, ‘मैं अपने आप कांग्रेस को अपने से मुक्त करता हूं। मैं बीजेपी या किसी दूसरे राजनीतिक दल में शामिल नहीं होने जा रहा हूं।’ वाघेला ने कहा कि विधानसभा में नेता विपक्ष के पद से भी इस्तीफा दे रहा हूं। 15 अगस्त को विधायक पद से भी इस्तीफा दे दूंगा।
बीजेपी गुजरात के आगामी विधानसभा चुनाव में मिशन 150 का लक्ष्य लेकर चल रही थी, लेकिन वाघेला उसकी राह में बड़ा रोड़ा माने जा रहे थे। बता दें कि गुजरात कांग्रेस में विरोध और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ उनकी नजदीकी को देखते हुए कांग्रेस वाघेला को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने से भी हिचकिचा रही थी।