केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की समीक्षा समिति से मशहूर फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर की फिल्म ‘इंदु सरकार’ को मंजूरी दिए जाने के ठीक बाद अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। खुद को दिवंगत संजय गांधी की जैविक पुत्री बताने वाली एक महिला ने फिल्म ‘इंदु सरकार’ के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। यह फिल्म इस शुक्रवार(28 जुलाई) को रिलीज होनी है।
याचिकाकर्ता का पक्ष रखने वाले वकील ने न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष यह मामला रखा और आरोप लगाया कि मधुर भंडारकर के निर्देशन में बनी यह फिल्म ‘मनगढंत तथ्यों से भरपूर है और पूरी तरह अपमानजनक है।’
न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की सदस्यता वाली इस पीठ ने याचिका की सुनवाई के लिए तारीख देने से भी इनकार कर दिया। पीठ ने कहा, ‘‘आप अपना ज्ञापन दीजिए। हम उस पर गौर करेंगे। हम कोई तारीख नहीं दे रहे।’’ याचिकाकर्ता प्रिया सिंह पॉल के वकील ने अदालत में आरोप लगाया कि फिल्म में कुछ ऐसे ‘‘अपमानजनक तथ्य’’ हैं, जो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की छवि को धूमिल करते हैं।
वकील ने कहा कि फिल्म 28 जुलाई को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होनी है और वे इसके प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। इस याचिका में बंबई हाई कोर्ट के 24 जुलाई के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की उसकी याचिका को खारिज किया गया था।
हाई कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता ने ऐसा कोई पक्ष नहीं रखा कि अदालत केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से मंजूरी ले चुकी इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाए या इस मामले में दखल दे। बंबई हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि संजय गांधी के किसी भी मान्यता प्राप्त वंशज ने फिल्म पर आपत्ति नहीं जताई है।
बता दें कि इस फिल्म की पृष्ठभूमि 1975-77 के आपातकाल के समय की है। इसमें अभिनेता नील नितिन मुकेश, कीर्ति और कुल्हारी तोता राय चौधरी प्रमुख भूमिकाओं में है। इसमें सुप्रिया विनोद, अनुपम खेर भी हैं। फिल्म में किरदार दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व संजय गांधी से प्रेरित हैं।