उप सेना प्रमुख बोले- हमसे बेहतर है पाकिस्तान का रक्षा औद्योगिक आधार

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सीमा पर चीन से जारी विवाद के बीच सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शरत चंद ने मंगलवार(25 जुलाई) को कहा कि चीन, भारत के पड़ोस में हिमालयी क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है और आने वाले सालों में उसका एक ‘खतरा’ बनना तय है। उन्होंने साथ ही सीमापार गोलाबारी में आम नागरिकों को निशाना बनाने के लिए पाकिस्तान सेना की भी आलोचना करते हुए कहा कि वे ‘इतना नीचे गिर गए’ हैं कि स्कूलों पर गोलीबारी कर रहे हैं।साथ ही लेफ्टिनेंट शरत चंद ने कहा कि पाकिस्तान का सैन्य औद्योगिक आधार भारत से बेहतर है और वह भारत से ज्यादा रक्षा उपकरणों का निर्यात करता है। उन्होंने इस दौरान बलों के लिए हथियारों का विनिर्माण करने वाले आयुध कारखानों की कड़ी आलोचना की।

उन्होंने कहा कि कोई प्रतिस्पर्धा ना होने के साथ आयुध कारखाने बदलती प्रौद्योगिकी के अनुरूप आगे बढऩे में नाकाम रहे हैं और यह हमारी रक्षा जरूरतों में मदद करने का एक असफल तरीका है। सेना उप प्रमुख ने कहा कि मैं यहां तक कहना चाहूंगा कि जहां तक रक्षा उत्पादन का संबंध है, शायद पाकिस्तान का औद्योगिक उत्पादन हमारे देश से बेहतर है। वास्तव में वे हमारी तुलना में निश्चित तौर पर विदेशों में ज्यादा रक्षा उपकरणों का निर्यात करते हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने हैरानी जताई कि क्या आयुध कारखानों के ऐसे काम करने का कारण उन्हें मिलने वाले सुनिश्चित ऑर्डर हैं या जवाबदेही की कमी है। चंद ने कहा कि रिसर्च एवं विकास कम है या है ही नहीं। उनके पास प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के जरिए उद्योग का समावेश करने की क्षमता तक नहीं है और कुछ मामलों में तो वे विदेशों से आयातित उत्पादों को असैम्बल करने में भी नाकाम रहे हैं।

सेना प्रमुख का किया बचाव

चंद ने सेना तथा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित दो दिन के सम्मेलन ‘एमीकॉन 2017’ के उद्घाटन सत्र के दौरान यह बातेें कहीं। साथ ही उन्होंने सेना प्रमुख बिपिन रावत की ‘भारतीय सेना ढाई मोर्चे पर युद्ध के लिए तैयार है’ टिप्पणी को भी ज्यादा तूल ना देते हुए कहा कि जनरल रावत कोई ‘युद्धोन्मोद नहीं भड़काना’ चाहते थे, बल्कि इतना भर कहना चाहते थे कि भारत को अपनी सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।

बता दें कि पिछले महीने चीनी सेना ने रावत की टिप्पणी को ‘गैर-जिम्मेदाराना’ बताते हुए उनसे युद्ध का शोर ना मचाने को कहा था। चंद की टिप्पणी सिक्किम सेक्टर में तीन देशों (भारत, भूटान, चीन) के सीमा मिलन बिंदु पर भारतीय एवं चीनी सेना के बीच एक महीने से जारी तनातनी के बीच आई है।

चीन का भारत के लिए खतरा बनना तय

उप सेना प्रमुख ने कहा कि चीन हमारे पड़ोस में हिमालयी क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। उसके आने वाले समय में हमारे लिए एक खतरा बनना तय है। चंद ने कहा कि चीनी रक्षा व्यय का एक बड़ा हिस्सा ‘अघोषित’ है। उन्होंने कहा कि भारत को मौजूदा परिप्रेक्ष्य को देखते हुए सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है और आर्थिक विकास के लिए सुरक्षा मुहैया कराने के लिहाज से सैन्य ताकत बेहद जरूरी है।

 

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