जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में सोमवार(10 जुलाई) को पाक परस्त आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों की बस पर हमला कर दिया। इसमें सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई। जबकि 32 अन्य घायल हो गए हैं। मरने वालों में छह महिलाएं शामिल हैं। घायलों में से कई की हालत नाजुक बनी हुई है। उन्हें अनंतनाग और श्रीनगर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अमरनाथ यात्रियों से भरी जिस बस पर आतंकियों ने हमला किया, उसके ड्राइवर सलीम शेख की बहादुरी के चर्चे अब हर जगह हैं। दरअसल, हमले के बाद सलीम ने दिलेरी और जांबाजी दिखाते हुए तब तक बस को चलाना जारी रखा, जब तक बस आतंकियों की पहुंच से दूर नहीं हो गई।
ड्राइवर सलीम शेख की बहादुरी की तारीफ करते हुए महबूबा सरकार ने मंगलवार को एलान किया सलीम को जम्मू-कश्मीर सरकार की तरफ से 3 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।
J&K Govt to give Rs 3 lakhs award to bus driver Saleem Sheikh #AmarnathTerrorAttack
— ANI (@ANI) July 11, 2017
वहीं, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने ड्राइवर सलीम की सराहना की है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को सलीम को बहादुरी पुरस्कार के लिए नामित करने की भी बात भी कही।
Want to thank bus driver for saving lives of people even when there was firing going on. Will nominate his name for bravery award:Gujarat CM
— ANI (@ANI) July 11, 2017
दरअसल, बताया जा रहा है अगर ड्राइवर सलीम शेख ने बहादुरी और समझदारी न दिखाता तो मरने वालो की तादाद और बढ़ सकती थी। सलीम की सूझबूझ से दूसरे यात्रियों की जान बच गई। सलीम की समझदारी की देश भर में लोग खूब तारीफ कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि जब आतंकी बस में बैठे श्रद्धालुओं पर हमला कर रहे थे तब ड्राइवर सलीम ने बहादुरी और समझदारी का परिचय देते हुए बस की स्पीड बढ़ा दी और सीधे सेना के कैंप में ले जाकर ही दम लिया। सोशल मीडिया पर सलीम शेख की जमकर सराहना हो रही है।
यात्रियों के अनुसार वो आतंकी 5-6 की संख्या में थे और बस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा रहे थे। लेकिन ड्राइवर सलीम ने हिम्मत दिखाते हुए बस नहीं रोकी। आतंकी आर्मी कैंप तक बस पर गोलियां दागते रहे। सलीम की हिम्मत की वजह से ही इतने लोगों में से 7 लोगों की मौत हुई और बाकि बच गए।
बस चालक सलीम के भाई जावेद मिर्जा ने मीडिया से कहा कि सलीम ने उन्हें सोमवार रात को करीब 9.30 बजे फोन किया था और बस पर हुई फायरिंग के बारे में बताया था। उसने कहा था कि फायरिंग के दौरान उसने बस नहीं रोकी, उसने सिर्फ श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए गाड़ी चलाना जारी रखा।
Valsad (Gujarat): He couldn't save 7 lives,but managed to move 50 people to a safe place;proud of him:Javed,Cousin of Saleem #AmarnathYatra pic.twitter.com/E1QFgV1kwy
— ANI (@ANI) July 11, 2017
गुजरात के वलसाड में रहने वाले ड्राइवर सलीम के भाई जावेद ने बताया कि वो सात श्रद्धालुओं को नहीं बचा सका, लेकिन वो किसी तरह 50 श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में कामयाब रहा। मुझे अपने भाई पर गर्व है।