चुनाव आयोग ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में आम आदमी पार्टी को करारा झटका दिया है, आप के 21 विधायकों के संसदीय सचिव के मामले से जुड़ा केस खत्म करने की याचिका को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है।
file photoमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग ने कहा कि विधायकों पर केस चलता रहेगा। आप विधायकों ने याचिका दी थी कि जब दिल्ली हाई कोर्ट में संसदीय सचिव की नियुक्ति ही रद्द हो गई है तो ऐसे में ये केस चुनाव आयोग में चलने का कोई मतलब नहीं बनता। 8 सितंबर 2016 को दिल्ली हाइकोर्ट ने 21 संसदीय सचिवों की नियुक्ति रद्द कर दी थी।
EC says that the 21 AAP MLAs did hold de facto the post of Parliamentary Secretary, rejected their plea to drop the 'office of profit case'
— ANI (@ANI) June 24, 2017
ख़बरों के मुताबिक, चुनाव आयोग के अनुसार आम आदमी पार्टी के 21 वीधायकों के पास संसदीय सचिव का पद 13 मार्च 2015 से लेकर 8 सितंबर 2016 तक था। इसीलिए अब इन विधायकों पर केस चलेगा। हालांकि अब इन विधायकों की संख्या घटकर 20 हो गई है क्योंकि राजौरी गार्डन से विधायक जरनैल सिंह ने जनवरी 2017 में पंजाब चुनाव लड़ने के लिए विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था।
गौरतलब है कि, दिल्ली सरकार ने मार्च 2015 में 21 आप विधायकों को संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किया जिसको प्रशांत पटेल नाम के वकील ने लाभ का पद बताकर राष्ट्रपति के पास शिकायत करके 21 विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग की।
राष्ट्रपति ने मामला चुनाव आयोग को भेजा और चुनाव आयोग ने मार्च 2016 में 21 आप विधायकों को नोटिस भेजा, जिसके बाद इस मामले पर सुनवाई शुरू हुई। केजरीवाल सरकार ने पिछली तारीख से कानून बनाकर संसदीय सचिव पद को लाभ के पद के दायरे से बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन राष्ट्रपति ने बिल लौटा दिया।