केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्‍यमंत्री अनिल माधव दवे का निधन

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केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) अनिल माधव दवे का दिल का दौरा पड़ने से गुरुवार(18 मई) को निधन हो गया है। यह जानकारी सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दिया। उन्‍होंने अपने ऑफिसियल ट्विटर अकांउट से जानकारी दी कि वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे नहीं रहे। माधव 60 साल के थे। प्रधानमंत्री ने बताया कि वह बुधवार(17 मई) रात तक उनके साथ बैठक में मौजूद थे।

फोटो: Business Line

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, 60 वर्षीय दवे ने आज सुबह अपने घर पर बेचैनी की शिकायत की और तब उन्हें एम्स ले जाया गया। वहां उनका निधन हो गया। दवे वर्ष 2009 से राज्यसभा के सदस्य थे। दवे 5 जुलाई 2016 में केंद्रीय मंत्री बने थे, वह मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी का बड़ा चेहरा थे।

वह लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) से जुड़े रहे और वर्ष 2003 में मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को हराने के लिए रणनीति बनाकर चर्चा में आए थे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनके आकस्मिक निधन पर शोक जताया।

राष्ट्रपति के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर उनके निधन पर शोक जताया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘अपने मित्र एवं सम्मानित सहकर्मी पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे जी के आकस्मिक निधन से सदमे में हूं। मैं संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि दवे को एक समर्पित लोकसेवक के तौर पर याद किया जाएगा, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति बेहद जुनूनी थे।

एक अन्य ट्वीट में मोदी ने कहा, ‘‘कल देर शाम तक मैं अनिल माधव दवे जी के साथ था और मुख्य नीतिगत मुद्दों पर चर्चा कर रहा था। उनका निधन एक निजी क्षति है।’’

बता दें कि अनिल माधव ने शादी नहीं किया था और उन्हें चुनाव प्रबंधन में महारत हासिल थी। बीजेपी संगठन को मजबूत करने में अनिल माधव दवे ने अहम भूमिका निभाई है। इसके अलावा माधव दवे एक अच्छे पर्यावरणविद् भी थे और नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए लंबे समय तक काम किया।

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