उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 13 अप्रैल को राज्य के 75 जिलों के लिए 150 एडवांस एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि हमारी सरकार 15 मिनट से भी कम समय में मरीजों को एंबुलेंस सेवा प्रदान कराएगी। लेकिन ठीक इसके उलट यूपी के बहराइच जिले में मौके पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने के कारण एक गर्भवती महिला को बीच बाजार सड़क पर ही बच्ची को जन्म देना पड़ा।
फाइल फोटो: @CMOfficeUPपीटीआई के मुताबिक, खैरीघाट थाना क्षेत्र के अलीनगर निवासी दीपा को शनिवार(29 अप्रैल) को सुबह प्रसव पीड़ा शुरू हुई। आरोप है कि एंबुलेंस के लिए गर्भवती महिला के पति रामजी ने एंबुलेंस सेवा 108 तथा 102 पर लगातार फोन किया। पहले तो फोन नहीं उठा और जब उठा तो एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने की बात बताई गई।
रामजी के अनुसार एंबुलेंस नहीं मिलने पर वह मोटरसाइकिल से अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर जिला महिला अस्पताल के लिए रवाना हुआ, लेकिन शहर के सलारगंज बाजार पहुंचते-पहुंचते महिला की प्रसव पीड़ा बहुत बढ़ गई और वह सड़क पर ही तड़पने लगी। यह माजरा देखकर आसपास रहने वाली महिलाओं ने प्रसव पीडित युवती पर चादर डालकर उसे ढक दिया और उसके चारों ओर घेरा बनाकर सड़क पर ही प्रसव कराया। इस दौरान एक बच्ची का जन्म हुआ।
एंबुलेंस नहीं आने के कारण प्रसव के बाद दीपा का पति उसे निजी अस्पताल में उपचार करवाने के बाद वापस गांव ले गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर ए. के. लाल ने आज पत्रकारों को बताया कि दीपा शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवपुर गई थी, जहां उसे भर्ती होने की सलाह दी गई थी, लेकिन दीपा के घरवाले उसे वापस ले गए थे।
उन्होंने बताया कि शनिवार को सड़क पर प्रसव की सूचना मिलने पर वह स्वयं सलारगंज पहुंचे, लेकिन तब तक महिला के परिजन उसे ले जा चुके थे। लाल ने बताया कि एंबुलेंस समय से नहीं पहुंचने की शिकायत को गंभीरता से लिया गया है। एंबुलेंस समन्वयक से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। लखनऊ स्थित 108 मुख्यालय से काल डिटेल तथा रिकार्डिंग मंगाई गई है। जांच के बाद यदि कोई दोषी पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी।