इस आदमी को देख लिजिए, इसका नाम राजकुमार है, ये दिल्ली की सड़कों पर आॅटो चलाता है, जानिए इसने क्या किया है?

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कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन करीब सवा 7 बजे के दौरान बेहद भीड़ से भरा था। अपने काम से घरों को लौटते हुए लोग जल्दबाजी में इधर से उधर जा रहे थे। कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन के गेट न. 1 पर किसी को फुर्सत नहीं थी कि वो किसी के बारें में जाने, सब लोग जल्दबाजी में दौड़ते हुए नज़र आ रहे थे। तभी अचानक से राजकुमार नाम का एक आॅटो ड्राईवर टोकन काउंटर के पास आकर चिल्लाने लगा। वो भीड़ में जिसे बुला रहा था उसे जानता नहीं था। सैकड़ों लोगों ने उसकी तरफ देखा लेकिन वो किसी खास को पुकार रहा था।

चूंकि आॅटो ड्राइवर राजकुमार बहुत तेजी के साथ दौड़ता हुआ आया था और कोई भी नहीं समझ पा रहा था कि वो चाहता क्या है? वो चिल्लाकर केवल एक खास लड़की की तरफ इशारा कर रहा था। आखिर उस लड़की ने पलटकर देखा तो आॅटो ड्राइवर राजकुमार ने उसे अपने पास बुलाया। वो लड़की समझ नहीं पा रही थी कि इतनी भीड़ में वो केवल उसे ही क्यों बुला रहा है। जबकि वहां जमा कुछ लोग भी हैरान थे कि ये आदमी सिर्फ इस लड़़की को ही क्यों बुला रहा है?

जब वो लड़की आॅटो ड्राईवर राजकुमार के पास आई तो राजकुमार ने अपनी जेब से एक ATM कार्ड निकाला और उस लड़की से पुछा जिसका नाम स्वेता था, क्या ये कार्ड आपका है। स्वेता हैरान थी कि ये कार्ड इस आदमी के पास कहां से आया। क्योंकि वह कार्ड उसी का था।

तब राजकुमार ने बताया कि आप जब आॅटो से उतर कर चली गई तब मैंने सड़क पर ये कार्ड पड़ा हुआ देखा, मुझे लगा कि ये शायद आपका हो इसलिए मैं अपने आॅटो को छोड़कर दौड़ा-दौड़ा यहां आया। स्वेता ने ‘जनता का रिपोर्टर’ को बताया कि वह साकेत से आॅटो कर कश्मीरी गेट तक आई है। वह किसी दूसरे शहर जा रही है, अगर ये कार्ड खो जाता तब मेरे लिए बहुत मुश्किल हो जाती। इसके बाद स्वेता ने आॅटो ड्राईवर राजकुमार से कहा कि मैं आपको चाॅकलेट दिलाना चाहती हूं। लेकिन राजकुमार ने चाॅकलेट लेने से मना कर दिया।

राजकुमार ने ‘जनता का रिपोर्टर’ से बात करते हुए कहा कि उसने यह कार्ड किसी चाॅकलेट या प्रशंसा के लिए नहीं लौटाया बल्कि अपनी खुशी के लिए किया है। वह नहीं चाहता था कि ये कार्ड किसी गलत हाथों में जाएं। राजकुमार ने कहा कि मुझे खुशी है कि जिसका ये कार्ड था उसे मिल गया मेरे लिए यहीं सबसे बड़ी बात है। ये कहते हुए राजकुमार वहां से चला गया।

आमतौर पर दिल्ली की सड़कों पर ऐसे गरीब लोगों की ईमानदारी के बहुत से उदाहरण देखने को मिलते है। राजकुमार ईमानदारी की उसी एक मिसाल का उदाहरण था जो बिना किसी लालच के दूसरों की मदद केवल अपनी खुशी के लिए करते है। हो सकता है आप जब अगली बार किसी आॅटो को हायर करे तो आपको राजकुमार मिल जाए। इसलिए तस्वीर देखकर पहचान लिजिए कि राजकुमार कौन है?

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