सिंह ने कहा कि, “लगभग 10.30 बजे, मैं सदर बाजार स्टेशन तक पहुंचने वाला था, तभी करीब 100 लोग मेरे पीछे दौड़ रहे थे। वो कह रहे थे कि, ‘दरोगा को पकड़ो’ उन्होंने मुझे पत्थरों और ईंटों से पिटना शुरू कर दिया। मैं जमीन पर गिर गया और उन्होंने मेरी बाइक में आग लगा दी साथ ही मेरी सर्विस रिवॉल्वर भी छीन ली थी। मुझे नहीं पता था कि यह सब क्या हो रहा है।
सिंह के मुताबिक, जब उनके सहयोगियों को इसके बारे में पता चला तो, “वे मेरे बचाव के लिए पहुंचे। “चोटों की वजह से मैं ठीक से सांस नहीं ले पा रहा हूं, अभी भी मेरी पसलियों में दर्द है और मुझे चलने में बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।”
पुलिस के अनुसार, अधिकारी पर हमले के लिए नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन संतोष सिंह के परिवार वालों का कहना है कि, वे सरकार की उदासीनता से निराश है। परिवार का कहना है कि, “हम पिछले दो दिनों से उसकी चिकित्सा जांच करने के लिए चारों ओर दौड़ रहे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार की मदद नहीं की जा रही है। वहीं, सिंह के बेटे अभिषेक का आरोप है कि नई सरकार आने के बाद से एक नई तरह की भीड़ उभरकर सामने आई है, जो किसी से डरते नहीं है।