बीजेपी सरकार में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले वर्ष कहा था कि आशा पारेख ने “पद्म भूषण” पुरस्कार के लिए सिफारिश लगवाने के वास्ते उनसे मुलाकात की थी। नागपुर के एक इवेंट में गडकरी ने दावा किया था कि आशा ने उनसे मिलकर देश के तीसरे सबसे बड़े सम्मान के लिए उनके नाम की सिफारिश करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था, मेरे आवास की लिफ्ट नहीं चल रही थी, जिस कारण वह 12 मंजिल सीढ़ियां चढ़कर आई थीं।
दरअसल, गडकरी ने दावा किया था कि आशा पारेख ने उनसे कहा था कि भारतीय फिल्म उद्योग को दिए गए योगदान को देखते हुए वह पद्म भूषण की हकदार हैं। इस बारें में गडकरी के बयान के अनुसार, आशा पारेख ने उनसे कहा, नितिन जी, मुझे पद्मश्री मिल चुका है, अब मुझे पद्म भूषण चाहिए। गडकरी के मुताबिक, मैंने उनसे कहा कि आपको पद्मश्री मिल चुका है, वह भी पद्मभूषण की तरह की है। उन्होंने कहा, नहीं, मैंने ढेर सारी फिल्में की हैं।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, गडकरी ने दावा किया था कि उनकी बिल्डिंग की लिफ्ट ठीक से काम नहीं कर रही थी, फिर भी आशा 12 मंज़िल चढ़कर उनसे मिलने पहुंचीं, जिसका उन्हें दुख है। जबकि इस बारें में आशा पारेख ने अपनी बायोग्राफी में नितिन गडकरी से मिलने की बात पर इनकार नहीं किया।
उन्होंने बताया कि, मेरे एक करीबी दोस्त ने मुझे एक प्रभावशाली राजनेता से मिलने के लिए कहा था, ताकि मेरा पद्मश्री सम्मान अपग्रेड हो सके। उन्होंने कहा, जब मैं मुंबई लौट रही थी तो उस दोस्त ने मेरी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से अपॉइंटमेंट फिक्स कर दी थी।
जबकि आशा पारेख ने नितिन गडकरी के उस दावे को खारिज किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि पिछले साल आशा पारेख पद्म भूषण पुरस्कार की सिफारिश के लिए 12 मंजिल सीढ़ियां चढ़कर आई थीं। उन्होंने बताया कि ” पीठ में समस्या के चलते मैं 1 मंजिल तो चढ़ नहीं पाती तो फिर 12 मंजिल कैसे चढ़ सकती हूं। यह असंभव है।” उन्होंने लिखा, मैं हैरान थी, क्योंकि मुझे नहीं पता था कि यह कहां से आया। मैं एक मंजिल सीढ़ी भी नहीं चढ़ सकती। अगर मैंने 12 मंजिल चढ़ने की कोशिश की होती, तो मुझे अस्पताल जाना पड़ता है। रही बात लिफ्ट की तो वह एकदम ठीक थी।
जबकि पूर्व में उन्होंने इस बारें में कहा था कि नितिन गडकरी का बयान ठीक नहीं था। आशा ने पीटीआई से कहा कि मुझे इससे चोट पहुंची है। जो उन्होंने किया वह सही नहीं था। लेकिन मैंने उसे एक चुटकी नमक के साथ निगल लिया। मेरे लिए यह मायने नहीं रखता, विवाद फिल्म उद्योग का एक हिस्सा है।