GDP का ढाई फीसदी स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च करेगी मोदी सरकार

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सरकार ने शुक्रवार को कहा कि देश की विभिन्न चिकित्सा संस्थाओं में स्नातकोत्तर संकायों में 5000 अतिक्ति सीटों का सृजन किया गया है। लोकसभा में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी नड्डा ने कहा कि 2017-18 के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन में 27.7 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश में स्वास्थ्य क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठा रही है और इस दिशा में मेडिकल संस्थाओं में 5000 अतिरिक्त पीजी सीटों का सृजन किया गया है। नड्डा ने कहा कि 2017-18 के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन में 27.7 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि हमने नई स्वास्थ्य नीति बनाई है जिसमें चरणबद्ध तरीके से स्वास्थ्य क्षेत्र में खर्च को बढ़ाकर जीडीपी का 2.5 करने की बात कही गई है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र की ओर से राज्यों को स्वास्थ्य क्षेत्र की योजनाओं के लिए आवंटन किया जाता है लेकिन कई ऐसे राज्य हैं जो राशि खर्च नहीं कर पा रहे है। कई राज्यों की ओर से उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं पेश किया गया है।लोकसभा में कमल नाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रश्न के लिखित उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने कहा, ‘‘प्रतिरोपण के लिए अंगों की मांग इनकी उपलब्धता से बहुत अधिक है।’’

उन्होंने कहा कि अंगदान को लेकर नियम, दिशानिर्देश अथवा प्रोटोकॉल को अंतिम रूप देने से पहले जानेमाने चिकित्सकों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और दूसरे सबंधित पक्षों से परामर्श लेना मानक प्रक्रिया है। नड्डा ने कहा, ‘‘गुर्दा, यकृत, हृदय, फेफड़ा तथा कुछ दूसरे अंगों के संदर्भ में अंगदान की श्रेणी जानेमाने चिकित्सकों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और दूसरे सबंधित पक्षों के सुझावों पर विचार करने के बाद तैयार की गई है।’’ उन्होंने बताया कि भारत में मानव अंगों के प्रतिरोपण का नियमन मानव अंग एवं उत्तक प्रतिरोपण अधिनियम 1994 के तहत होता है।

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