महाराष्ट्र में सवा चार सौ डॉक्टरों के निलंबन के बावजूद रेजिडेंट डाक्टर काम पर लौटने को तैयार नहीं हैं जबकि महाराष्ट्र के हड़ताली डॉक्टरों के समर्थन में उतरे दिल्ली के डॉक्टरों ने भी गुरूवार को राममनोहर लोहिया अस्पताल सहित दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगे, लेकिन ओपीडी सेवाएं ठप पूरी तरह से रहने की आशंका है।
जबकि आपको बता दे कि एम्स के करीब 1200 रेजिडेंट डाॅक्टर महाराष्ट में हड़ताली रेजिडेंट डाॅक्टरों के समर्थन में आपातकालीन विभाग में आज हेलमेट पहनकर काम पर आए। महाराष्ट में 4000 से ज्यादा डाॅक्टर अपने सहयोगियों पर लगातार हमले की पृष्ठभूमि में अस्पतालों में बेहतर सुरक्षा की मांग को लेकर सोमवार से काम पर नहीं आ रहे।
दिल्ली में आज ओटी और वार्ड सुबह 9 से 4 तक खुले रहेंगे। ज्यादातर डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे। हालांकि एमरजेंसी सेवा बरकरार रखने की उम्मीद है। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर पंकज सोलंकी ने कहा, काफी समय से ही डॉक्टरों पर अत्याचार हो रहे हैं, हम सुरक्षा चाहते हैं, हम अपने साथियों के साथ हैं।
एम्स रेजिडेंट डाॅक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डाॅ. विजय गुर्जर ने कहा, बुरी तरह पीटे जाने वाले रेजिडेंट डाॅक्टरों के बारे में कोई परवाह नहीं करता। रेजिडेंट डाॅक्टरों को उनके कार्यस्थल पर सुरक्षा प्रदान करने की बजाए सरकार उनकी सैलरी काटने और उन्हें उनके हाॅस्टलों से निकालने की धमकी दे रही है।
महाराष्ट के रेजिडेंट डाॅक्टरों के साथ एकजुटता प्रकट करते हुए उन्होंने कहा, एम्स के रेजिडेंट डाॅक्टर आपातकालीन विभाग में हेलमेट पहनकर काम कर रहे हैं क्योंकि हम अपनी आंख और जिंदगी नहीं गंवाना चाहते।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में हमले के शिकार डाॅक्टरों के मुआवजे पर वहां कोई चर्चा नहीं हुयी। इसकी जगह पेशे को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है।
महाराष्ट सरकार ने आज हड़ताली डाक्टरों को चेतावनी दी कि वह शाम तक अपने काम पर वापस आएं या उनका छह माह का वेतन काट लिया जाएगा।