भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार(18 मार्च) को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। देहरादून के परेड मैदान में आयोजित समारोह में राज्यपाल डॉ. कृष्णकान्त पाल ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इससे पहले शुक्रवार(17 मार्च) को देहरादून में हुई पार्टी विधायक दल की बैठक में त्रिवेंद्र सिंह रावत को सर्वसम्मति से नेता चुना गया।
चौथी निर्वाचित सरकार के मुखिया बनाए गए रावत राज्य के नौवें मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की कमान संभाले हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत के शपथग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। 56 साल के रावत डोइवाला विधानसभा सीट से विधायक हैं। रावत ने इतिहास में पोस्ट ग्रैजुएशन के साथ हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है।
रावत को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का करीबी माना जाता है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में 2014 के लोकसभा चुनाव में उनके साथ काम भी कर चुके हैं। रावत झारखंड भाजपा के भी इंचार्ज हैं। ये साल 1983 से लेकर 2002 तक संघ से जुड़े रहे हैं, इस दौरान रावत के पास पहले सचिव की जिम्मेदारी थी, उसके बाद पूरे राज्य की जिम्मेदारी इन्हें सौंप दी गई थी।
रावत पहली बार 2002 में डोइवाला सीट से विधायक बने। तब से वहां से तीन बार चुने जा चुके हैं। वह 2007-12 के दौरान राज्य के कृषि मंत्री भी रहे। चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे के मुताबिक, रावत के खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला नहीं है और उनके पास करीब 1 करोड़ की संपत्ति है।
उत्तराखंड में भाजपा ने इस विधानसभा चुनाव में एतिहासिक बहुमत हासिल किया। बता दें कि उत्तराखंड चुनाव में बीजेपी ने 57 सीटों पर जीत का परचम लहराया है। 70 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस को सिर्फ 11 सीटें मिली थीं। भाजपा के लिए उत्तराखंड में निर्वाचित सरकार बनाने का दूसरा मौका है। इससे पहले वर्ष 2007 के दूसरे विधानसभा चुनाव में भाजपा सत्ता में आई थी।