गोवा चुनावों पर आलोचना का सामना कर रहे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव दिग्विजय सिंह ने आज कहा कि चुनाव से पहले गोवा फारवर्ड पार्टी के साथ गठबंधन का उनका प्रस्ताव उनकी ही पार्टी के नेताओं ने ही नकार दिया था। दिग्विजय गोवा में पार्टी के प्रभारी हैं।
उन्होंने कहा कि गोवा फारवर्ड पार्टी के साथ गठबंधन हो जाता तो कांग्रेस को राज्य में बहुमत मिलता और अब इस मामले में उन्हें खलनायक बनाना ठीक नहीं है।
सिंह ने सोशल मीडिया ट्विटर में सिलसिलेवार ट्वीट करके बताया, रणनीति के तहत मैंने बाबुश मोनसराटेट की अगुवाई वाली क्षेत्रीय पार्टी और विजय सरदेसाई की गोवा फारवर्ड पार्टी के साथ एक धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का प्रस्ताव दिया था।
As a strategy I had proposed a secular alliance with regional party headed by Babush Monserrate and Goa Forward headed by Vijay Sardesai.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 17, 2017
उन्होंने कहा, बाबुश के साथ हमारा गठबंधन हो गया और हमने पांच में से तीन सीटों पर जीत हासिल की, जबकि गोवा फारवर्ड पार्टी के साथ गठबंधन को हमारे ही नेताओं ने नकार दिया। दुखद…।
उल्लेखनीय है कि पणजी विधानसभा में कांग्रेस ने एंटासियो (बाबुश) मोनसराटेट की यूनाइटेड गोवा पार्टी के साथ गठबंधन किया था और उनके चार समर्थकों को पार्टी का टिकट दिया था।
पीटीआई की खबर के अनुसार, उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, गोवा फारवर्ड को चार में से तीन सीटों पर जीत मिली। अगर हमने गोवा फारवर्ड के साथ गठबंधन किया होता, तो हमारे पास 22 सीटें होतीं।
Goa Forward won 3 out of 4 they contested. Had our alliance with Goa Forward gone through we would have been 22.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 17, 2017
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘क्या अब भी आपकी नजर में दिग्विजय सिंह दोषी हैं? मैं इसका निर्णय आप पर छोड़ता हूं।’
Still Digvijaya Guilty? I leave it to you to judge.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 17, 2017