जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को पीओके (पाक के कब्जे वाले कश्मीर) से गिरफ्तार किए गए दो पाकिस्तानी सदिग्ध युवकों फैजल हुसैन अवान और अहसान खुर्शीद के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं।
फोटो: NBTएनआईए ने बुधवार(10 मार्च) को कहा कि दोनों पाकिस्तानी युवकों को रिहा कर दिया गया है। जिसके बाद फैसल हुसैन और अहसान खुर्शीद को भारत ने पाकिस्तान को वापस सौंप दिया। उरी हमलों के दौरान दोनों युवकों पर आतंकियों की गाइड के रूप में मदद करने आरोप था।
दरअसल, एनआईए ने उरी हमले में जो क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की थी, उसमें दोनो युवकों का नाम रिपोर्ट से गायब था। इससे यह साबित होता है कि एनआईए के पास दोनों के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं है। हालांकि, इन दोनों युवाओं की रिहाई के बाद भी उरी हमले की साजिश रचने वालों के खिलाफ जांच जारी रहेगी।
बता दे कि गत वर्ष 18 सितंबर 2016 को उरी में सेना के एक बेस कैंप में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें सेना के 19 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के तीन दिन बाद 21 सितंबर को एनआईए ने हमलावरों के कथित मददगार दो पाकिस्तानी युवकों को गिरफ्तार किया था। एनआईए इनकी गिरफ्तार कर बड़ी कामयाबी का दावा कर रही थी।