नई दिल्ली। केंद्र सरकार इस महीने अपने 50 लाख कर्मचारियों और 58 लाख पेंशनधारियों को खुशखबरी दे सकती है। खबरों के मुताबिक इस महीने के आखिरी में सरकार महंगाई भत्ते (डीए) में 2 से 4 प्रतिशत तक की वृद्धि की घोषणा कर सकती है।
महंगाई भत्ता और महंगाई राहत कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उनकी आय पर मुद्रास्फीति (महंगाई दर) के प्रभाव को कम करने के लिए दिया जाता है। श्रमिक यूनियनें हालांकि इस प्रस्तावित वृद्धि से खुश नहीं हैं। उनका मानना है कि इससे मूल्यवृद्धि के वास्तविक असर की भरपाई करने में मदद नहीं मिलेगी।
कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंपलॉइज के अध्यक्ष के. के. एन. कुट्टी ने कहा कि केंद्र सरकार के सहमति वाले फॉर्मूला के तहत महंगाई भत्ता वृद्धि 2 फीसदी होगी। यह एक जनवरी, 2017 से प्रभावी होगी। हालांकि, कुट्टी ने इतनी मामूली वृद्धि पर निराशा जताते हुए कहा कि महंगाई भत्ता बढ़ाने के लिए बेंचमार्क माना जाने वाले औद्योगिक श्रमिकों का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक वास्तविकता से दूर है।
उन्होंने कहा कि जिंस कीमतों में कितनी बढ़ोतरी हुई है उसको लेकर श्रम ब्यूरो और कृषि मंत्रालय में मतभेद हैं। सहमति वाले फॉर्मूले के तहत केंद्र महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी खुदरा मुद्रास्फीति के 12 माह के औसत के आधार पर करता है। सरकार दशमलव बिंदु के बाद मूल्यवृद्धि पर विचार नहीं करता। ऐसे में यह वृद्धि 2.95 प्रतिशत बैठने के बावजूद सरकार डीए को दो प्रतिशत बढ़ा रही है।