क्या पाकिस्तान अपने दुश्मनों से निपड़ने के लिए अब रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने यह अंदेशा जाहिर कर पूरे देश को चौंका दिया है कि रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से लगी सीमा पर जिन हथियारों का प्रयोग किया है उसमें कैमिकल हथियार भी हो सकते हैं। ये बातें रक्षा मंत्री ने डीआरडीओ के एक कार्यक्रम के दौरान कही।
फोटो- ANIएएनआई के ट्वीट के मुताबिक डीआरडीओ (DRDO) के एक कार्यक्रम में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा, ‘अफगानिस्तान और उत्तरी हिस्सों से कई ऐसी रिपोर्ट आ रही हैं, जहां मैंने तस्वीरों में देखा कि स्थानीय लोग शरीर पर चकत्ते या किसी तरह के केमिकल वेपंस से प्रभावित नजर आते हैं।’ रक्षामंत्री के मुताबिक, तस्वीरें विचलित करने वाली थीं।
At this moment,I have no confirmation on the matter but photos were quite disturbing, we should be prepared for any kind of warfare:Parrikar pic.twitter.com/B9ehAfYpK8
— ANI (@ANI) March 2, 2017
(cont) of local population suffering from blisters and some chemical weapons: Defence Minister Manohar Parrikar pic.twitter.com/XxnZdiB2qr
— ANI (@ANI) March 2, 2017
In view of some reports coming in from certain parts of Afghanistan and northern parts where I have seen photos (cont): Manohar Parrikar pic.twitter.com/a5Da6DSXuI
— ANI (@ANI) March 2, 2017
हालांकि, पर्रिकर ने यह भी कहा कि वह इस वक्त इस मुद्दे की पुष्टि नहीं कर सकते, लेकिन देश को किसी भी किस्म की जंग के लिए तैयार रहना चाहिए। पर्रिकर ने कहा कि देश पर न्यूक्लियर, केमिकल या बायलॉजिकल हमले का खतरा हो या न हो, लेकिन देश भविष्य में किसी भी आशंका से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। कार्यक्रम में रक्षा पर्रिकर ने सेना को डीआरडीओ के बनाए तीन प्रॉडक्ट सौंपे।
1) वेपन लोकेटिंग रेडार स्वाति: यह दुश्मन के हथियारों की मौजूदगी तलाश कर उन्हें तबाह करने के लिए गाइड करने का काम करेगा।
2) एनबीसी रेकी वीइकल: यह न्यूक्लियर, बायलॉजिकल और केमिकल हथियारों की मौजूदगी का पता लगाने वाला वाहन है।
3) एनबीसी मेडिकल किट: यह न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और केमिकल हथियारों के प्रभावों से बचाने वाली दवाएं हैं।
इस मौके पर आर्मी चीफ बिपिन रावत ने डीआरडीओ की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि सैन्य बलों के साजोसामान का आधुनिकीकरण वक्त की जरूरत है।
Modernisation of the Armed Forces especially of the Army is the need of the hour: Army Chief General Bipin Rawat pic.twitter.com/gO0qk4oDQF
— ANI (@ANI_news) March 2, 2017
There may or may not be a nuclear,chemical or biological threat, but we are ready for any future eventuality: Manohar Parrikar
— ANI (@ANI) March 2, 2017