उरी हमले में संदिग्ध आतंकियों के खिलाफ NIA नहीं जुटा पाई सबूत, होंगे रिहा

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को पीओके (पाक के कब्जे वाले कश्मीर) से गिरफ्तार किए गए दो पाकिस्तानी युवकों फैजल हुसैन अवान और अहसान खुर्शीद के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं। उरी हमलों के दौरान दोनों युवकों पर आतंकियों की गाइड के रूप में मदद करने आरोप था। 

एक अंग्रेजी अखबार ने गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के आधार पर लिखा है कि एनआईए ने क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में सौंप दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों शख्स के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलने के कारण इन्हें सभी आरोपों से बरी किया जाता है। गृह मंत्रालय ने सेना को भी इसकी सूचना दे दी है।

दरअसल, एनआईए ने उरी हमले में जो क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है, उसमें दोनो युवकों का नाम रिपोर्ट से गायब है। इससे यह साबित होता है कि एनआईए के पास दोनों के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं है। जिसके बाद अब दोनों लड़कों को जल्द पाकिस्तान को सौंपे जाने के आसार हैं। हालांकि, इन दोनों युवाओं की रिहाई के बाद भी उरी अटैक की साजिश रचने वालों के खिलाफ जांच जारी रहेगी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जल्दी ही दोनों युवकों को रिहा कर पीओके में उनके परिवार से मिलने के लिए छोड़ दिया जाएगा। बता दे कि गत वर्ष 18 सितंबर 2016 को उरी में सेना के एक बेस कैंप में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें सेना के 19 जवान शहीद हो गए थे।

इस हमले के तीन दिन बाद 21 सितंबर को एनआईए ने हमलावरों के कथित मददगार दो पाकिस्तानी युवकों को गिरफ्तार किया था। एनआईए इनकी गिरफ्तार कर बड़ी कामयाबी का दावा कर रही थी।

 

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