ISIS के चंगुल से छूटे राममूर्ति ने सुनाई खौफ की कहानी, PM मोदी को कहा- ‘शुक्रिया’

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नई दिल्ली। लीबिया में दुनिया का सबसे खूंखार आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के चंगुल में फंसे भारतीय डॉ. के. राममूर्ति स्वदेश लौट आए हैं। आतंकियों के कब्जे से छुटने के बाद राममूर्ति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, एनएसए और अन्य अधिकारियों का शुक्रिया करते हुए कहा कि मैं इसे कभी नहीं भूल सकता हूं।

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए राममूर्ति ने बताया कि 10 दिन के भीतर उन्हें 3 बार गोली मारी गई। अपनी आपबीती बताते हुए राममूर्ति ने कहा कि ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर उनसे जबरदस्ती सर्जरी सर्जरी और ऑपरेशन करवाने के लिए कहने थे, लेकिन उन्होंने कभी ऐसा नहीं किया।

आईएसआईएस के लड़ाकों ने राममूर्ति को कई वीडियो दिखाए, जिसमें दिखाया गया था कि उन्होंने ईराक, सीरिया और नाइजीरिया में क्या किया। राममूर्ति ने बताया कि यह देखना बहुत मुश्किल था, इसके बाद वे पता नहीं क्यों मुझे डराकर आईएसआईएस ने मुझे कई जेलों में शिफ्ट किया।

उन्होंने बताया कि ‘रमजान के समय कुछ आतंकियों ने मुझसे मदद मांगी। मेरे इनकार करने पर वह जबरदस्ती मुझे उठाकर ले गए। डॉक्टर राममूर्ति ने बताया कि आईएसआईएस ने कभी उन्हें शरीरिक रूप से तो प्रताड़ित नहीं किया, लेकिन गालियां बहुत देते थे।

बता दें कि डॉ राममूर्ति कोसानम आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के रहने वाले हैं। राममूर्ति सहित 6 भारतीयों को करीब 18 महीने पहले लीबिया में आईएसआईएस ने अगवा कर लिया था। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 21 फरवरी को ट्वीट कर बताया था कि ‘लीबिया में बंधक बनाए गए सभी छह भारतीयों को रिहा करा लिया गया है।’

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