नई दिल्ली। प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की जोर-शोर से शुरूआत की। लेकिन स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए जा रहे शौचालय अब शौच करने की ही जगह नहीं रहे, बल्कि दुकान और किचन में तब्दील हो रहे हैं।
यह चौंकाने वाली दोनों तस्वीरें मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले से आई हैं। जिससे स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए शौचालय के औचित्य पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। इससे जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आ रही है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, छतरपुर जिले के कोदां गांव में दिनेश यादव ने अपने शौचायल को रसोईघर में तब्दील कर रखा है। दिनेश का आरोप है कि शौचालय के लिए सेफ्टिक टैंक का निर्माण नहीं कराया गया था।
दिनेश की पत्नी सुशीला ने पत्रकारों को बताया कि शौचालय के लिए पैसा तो उनके खाते में आया है, लेकिन गांव के प्रधान ने इस शौचालय का निर्माण कराया है। उन्होंने बताया कि घर में शौचालय बनने के बाद भी वह बाहर ही शौच के लिए जाती हैं। उनके घर के सदस्यों को अब भी शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है।
वहीं, छतरपुर शहर में लक्षण कुशवाहा नाम के मजदूर ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत बने अपने शौचालय में किराना स्टोर खोल लिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शौचालय में दुकान चलाने वाले लक्ष्मण कुशवाहा का आरोप है कि नगरपालिका ने उनसे 8 महीने पहले 1400 रुपये लेकर एक शौचालय तो बनवा दिया और और इसमें शीट लगवा दी, लेकिन अभी तक शौचालय का काम अधूरा है।
लक्ष्मण का कहना है कि काम अधूरा होने के चलते इसमें उन्होंने दुकान खोल ली, ताकि कुछ पैसों की आमदनी हो जाए और परिवार का रोजी-रोटी चलता रहे। अब आलम यह है कि घर में बने शौचालय होने के बावजूद उनका पूरा परिवार खुले में शौच के लिए जाता है।