नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है सभी पार्टियों के नेताओं की बेचैनियां भी बढ़ती जा रही हैं। हर नेता अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहा है। इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है। जिसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जाना शुरू हो गया है।
कांग्रेस-सपा के गठबंधन पर उन्होंने कहा कि अगर गठबंधन नहीं हुआ होता तो हम (बीजेपी) 300 से ज्यादा सीटें जीतते। हालांकि, उन्होंने गठबंधन से कांग्रेस सपा को फायदा होने की बात से इनकार करते हुए कहा कि बीजेपी राज्य में सबसे आगे है। एनडीटीवी से हुई बातचीत में उन्होंने यह बातें कही हैं।
साथ ही सिंह ने अखिलेश सरकार पर हमलावर रुख अख्तियार करते हुए कहा कि कानून-व्यवस्था के मसले पर राज्य सरकार के खिलाफ लोगों में बड़ी नाराजगी है। उन्होंने सीएम अखिलेश के विकास के दावों पर कहा कि वह केवल एक हाईवे का जिक्र करते हैं। एक मुख्यमंत्री को अपने कामकाज के उदाहरण के रूप में क्या यह पेश करना चाहिए? एक हाईवे?
अपने बेटे पंकज सिंह के नोएडा से टिकट मिलने पर कहा कि उनकी(पंकज) उम्मीदवारी में उनका कोई हाथ नहीं है। सिंह ने कहा कि यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह ने पंकज का नाम प्रपोज किया था, अटल जी और आडवाणी जी भी मौजूद थे। अटल जी ने ही सबसे पहले मेरे बेटे को टिकट दिया था, लेकिन मैंने मना कर दिया था।
उन्होंने कहा कि हर कोई चाहता है कि उसके बच्चे सफल हों। राजनेताओं पर भी ये लागू होता है, लेकिन देखिए मुझसे उनके प्रचार के लिए कहा गया था, लेकिन मैंने नहीं किया।
वहीं, गृह मंत्री ने पीएम मोदी के श्मशान-कब्रिस्तान वाले बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि किसी के साथ भी जाति, धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए। पीएम के भाषण का मकसद यही था कि किसी के साथ भेदभाव न हो।
उल्लेखनीय है कि फतेहपुर में अपनी चुनावी रैली में राज्य में सत्तारूढ़ सपा पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि गांव में अगर कब्रिस्तान बनता है तो शमशान भी बनना चाहिए। रमजान में बिजली मिलती है तो दिवाली पर भी बिजली मिलनी चाहिए।
होली पर बिजली मिलती है तो ईद पर भी मिलनी चाहिए। जाति-धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए। इस टिप्पणी पर विपक्षी दलों ने पीएम मोदी पर यूपी चुनावों में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया था।