पिछले दिनों संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने अपने भाषण में संस्कृत में श्लोक सुनाकर आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान पर निशाना साधते हुए कहा था कि चार्वाक कहते थे यदा जीवेत सुखं जीवेत, ऋण कृत्वा, घृतं पीवेत’ अर्थात जब तक जिओ सुख से जिओ, उधार लो और घी पिओ।
पीएम ने कहा कि उस जमाने में घी पीने का दौर था इसलिए घी कहा, भगवंत मान रहते तो कुछ और पीने के लिए कहते। क्योंकि वह कुछ और ही पीने में यकीन करते हैं।
अब श्मसान और कब्रिस्तान के मुद्दे पर विपक्ष ताबड़तोड़ हमला पीएम मोदी पर कर रहा है। ऐसे में भगवंत कहां मौका चूकने वाले थे। मान ने ट्वीट करते हुए कहा कि विकास के मुद्दे से भटक गए साहेब..सीटों के लालच में लटक गए साहेब..बातें अब शमशान की होने लगी है..अपने ही वादे गटक गए साहेब.. देश बदल रहा है.
विकास के मुद्दे से भटक गए साहेब..सीटों के लालच में लटक गए साहेब..बातें अब शमशान की होने लगी है..अपने ही वादे गटक गए साहेब..
देश बदल रहा है. pic.twitter.com/efVbKZbIGx— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) February 21, 2017
आपको बता दे कि इससे पहले भी भगवंत मान एक पूरी कविता सुनाकर पीएम मोदी को उनके अच्छे दिनों वाले जुमले पर घेर चुके है।