मध्य प्रदेश में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का खुलासा होने के बाद, एमपी एटीएस व दिल्ली की खुफिया एजेंसी को बड़ी सफलता मिली है। दैनिक जागरण कि ख़बर के अनुसार, खुफिया एजेंसी को पड़ताल में सामने आया है कि मध्य प्रदेश में आईएसआई का नेटवर्क दिल्ली से ऑपरेट हो रहा था। देश की सुरक्षा से जुड़े इस मामले में तीन राज्यों की खुफिया एजेंसी व एटीएस मिलकर काम कर रही हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एजेंसियां प्रदेश में नेटवर्क ऑपरेट करने वालों तक भी पहुंच चुकी है। इधर उत्तरप्रदेश के अमरोहा व बिहार के नक्सल प्रभावित जिले जमुई से भी एमपी रैकेट के कनेक्शन के संकेत मिले हैं। बैंक खातों को लेकर जांच में जानकारी सामने आई है कि बलराम के 100 के बजाय लगभग 200 बैंक खाते हैं। बताया जा रहा है कि खाते सतना के अलावा रीवा में भी खोले गए।
एटीएस द्वारा बलराम के साथी व इस मामले में अब मास्टरमाइंड बताए जा रहे राजीव ऊर्फ रज्जन से पूछताछ में इसका पता चला है। सूत्रों की मानें तो 200 खातों में 25 तो राष्ट्रीय बैंकों की शाखाओं में भी थे, जहां से पैसा जासूसों को दिया गया। सूत्रों की मानें तो समानांतर टेलीफोन एक्सचेंज चलाने के आरोपी बलराम के खातों में पिछले दो सालों में दो करोड़ रुपए दिल्ली से ऑपरेटर्स द्वारा डाले गए, जिसे बलराम ने जम्मू कश्मीर में खुफिया जानकारी जुटा रहे लोगों तक पहुंचाए।