जासूसी उपन्यास और लुगदी साहित्य का बेताज बादशाह वेद प्रकाश शर्मा का कल रात 12 बजे निधन हो गया है। वह पिछले काफी समय से फैफड़ों के कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे।
आम जनमानस और सस्ता रोमांच साहित्य लिखने में वह सबसे आगे थे। उनके उपन्यास वर्दी वाला गुंडा की एक लाख से अधिक प्रतियां बिकी थी। जो अपने आप में एक रेकार्ड हैं।
आज सुबह सुरजकुंड घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। जिसमें मेरठ शहर के सभी नामचीन लोगों ने भाग लिया। वेद प्रकाश शर्मा ने मेरठ में तुलसी साहित्य प्रकाशन की स्थापना की थी। जो देशभर में पटरी में बेचने वाले साहित्य के लिए अग्रणी माना जाता था।
आप किसी भी रेलवे बुक स्टाल या फिर बस अड्डे की किताब की दुकान पर वेद प्रकाश शर्मा के अनगिनत उपन्यासों को देख सकते है। आम पाठक वर्ग में वह सर्वाधिक पढ़े जाने वाले उपन्यासकार थे।
केशव पंडित उनके उपन्यासों का प्रमुख किरदार हुआ करता था। उनकी उपन्यासों पर कई फिल्मों का निर्माण भी हो चुका है। अक्षय कुमार की कई मशहूर फिल्मों को वेद प्रकाश शर्मा ने ही लिखा था।
वेद प्रकाश शर्मा के बेटे शगुन शर्मा ने बताया कि हमें मार्च 2016 में पता चला था कि पिताजी को कैंसर था। इलाज चल रहा था। वह चल-फिर पाते थे लेकिन कल सुबह से असहनीय पीड़ा होना उनको शुरू हो गई थी और रात 11 बजे के बाद उनका निधन हो गया।