नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश सरकार ने शराबबंदी को और सख्त करते हुए उसका दायरा बढ़ा दिया है। राज्य कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पास कर न्यायिक सेवा के अधिकारियों को भी इसके दायरे में ला दिया है। अब राज्य सरकार का कोई भी कर्मचारी और न्यायिक सेवा के पदाधिकारी अगर बिहार के बाहर भी शराब पीते हैं तो यह आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा और ऐसे लोगों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
नया नियम राज्य के सभी आईएएस,आईपीएस, पीसीएस अधिकारियों पर भी लागू होगा। इसके अलावा यह नियम उन पर भी लागू होगा जो अधिकारी केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर केन्द्र सरकार में या किसी दूसरे राज्य या विदेश या कहीं और तैनात हैं। अब शराब पीते या ड्रग्स लेते पकड़े जाने पर सरकारी कर्मचारी को अपनी नौकरी से हाथ तक धोना पड़ सकता है। राज्य में लागू शराबबंदी को और मजबूती देने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।
पहले बिहार में राज्यकर्मियों के आचार संहिता में ड्यूटी के दौरान और पब्लिक प्लेस पर शराब पीने पर रोक थी, लेकिन अब यह नियम बिहार से बाहर तैनाती के दौरान भी राज्यकर्मियों पर लागू होगी। इस संबंध में नीतीश कुमार कैबिनेट ने सरकारी सेवक आचार नियमावली, 1976 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
कैबिनेट सचिवालय के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने पत्रकारों को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बिहार जूडिशियल ऑफिसर्स कंडक्ट रूल 2017 के लिए पटना हाईकोर्ट ने प्रस्ताव बनाकर भेजा था, जिसे राज्य सरकार ने मंजूर कर लिया।
मेहरोत्रा के मुताबिक, इससे पहले ऐसा कोई कानून नहीं था, जिसके तहत न्यायिक सेवा के अधिकारियों को शराब या कोई भी नशीली पदार्थ का सेवन करने से रोका जा सके। अब नए नियम के मुताबिक जूडिशियल ऑफिसर्स को ऐसा करने से न सिर्फ रोका जा सकेगा, बल्कि ऐसा करते हुए पाया गया तो उन्हें दंडित भी किया जाएगा।