नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी(बसपा) प्रमुख मायावती, उनके भाई और भतीजे के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार(15 फरवरी) को नोटिस जारी किया। इन पर खेती की जमीन को आबादी घोषित कर करोड़ों के मुआवजे के घोटाले का आरोप है।
एक जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि उनके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनके मूल गांव में भूमि रिकॉर्ड में हेरफेर की गई। याचिका में आरोप लगाया गया है कि नोएडा से सटे बादलपुर गांव में 47,433 वर्गमीटर में फैले कृषि योग्य जमीन को तत्कालीन एसडीएम ने नियमों की अनदेखी कर आबादी घोषित कर दिया।
सामाजिक कार्यकर्ता संदीप भाटी की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले और न्यायमूर्ति वाई वर्मा की खंडपीठ ने यह नोटिस जारी किये। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाईकोर्ट ने मायावती के अलावा उनके भतीजे प्रभु दयाल और भाई आनंद के खिलाफ भी नोटिस जारी किया है।
याचिकाकर्ता का यह भी आरोप है कि ऐसा भूमि के इस्तेमाल को बदलने के इरादे से किया गया ताकि जमीन की छोटे-छोटे टूकड़े कर या पूरे भूखंड की बिक्री करके इस भूमि के मालिकों को अच्छा-खासा कमाई हो सके। इनके खिलाफ सीबीआइ जांच की मांग की गई है।