जल्द ही राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेनों के दरवाजें भी खुलेगें मैट्रों ट्रेन के दरवाजों कि तरह

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ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए सरकार अब राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेनों के दरवाजों में बदलाव लाने वाली है, जी हां अब ट्रेनों के दरवाजों में जल्द स्वचालित लॉकिंग प्रणाली लगाई जाएगी। जिससे इसके साथ ही चोरी की घटनाओं पर भी लगाम लगेगा।

जानकारी के मुताबिक, इस नई प्रणाली को ट्रेन का गार्ड अपने केबिन में बैठकर नियंत्रित करेगा। इस सिस्टम के तहत ट्रेन जब स्टेशन पर पहुंचेगी, तब इसका दरवाजा अपने आप ही खुल जाएगा और ट्रेन के रवाना होने से पहले खुद ही बंद हो जाएगा। फिलहाल ट्रेन के दरवाजे लोगों द्वारा खोले और बंद किये जाते हैं। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक पायलट परियोजना के तहत इस वर्ष अप्रैल तक ऐसी 2 राजधानी और दो शताब्दी ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा, जिनके दरवाजों में स्वचालित लॉकिंग प्रणाली लगी होगी।

अधिकारी ने बताया, ”कई बार यात्री कोच में चढ़ने के प्रयास के दौरान चलती ट्रेन से गिर जाते हैं या फिसल जाते हैं। कई बार यात्री बिजली के खंभे से भी टकरा जाते हैं। साथ ही ऐसे भी मामले आए हैं जब लोग स्‍टंट दिखाने के दौरान जान गंवा बैठते हैं।” ऑटोमैटिक दरवाजे लगाने पर रेलवे को प्रत्‍येक कोच पर 20 लाख रुपये का खर्च आएगा।

 

 

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