उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर दायर मानहानि का मुकदमा लड़ रहे मशहूर वकील राम जेठमलानी की फीस से जुड़े बिलों को पास करने को लेकर सॉलीसीटर जनरल रंजीत कुमार से सलाह मांगी है।दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चाहते हैं कि वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे में खर्च हुए 3.8 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान दिल्ली सरकार के खजानों से किया जाए।
दिल्ली सरकार के कानून विभाग ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के एक नोट के उत्तर में कहा था कि इन बिलों के भुगतान हेतु उपराज्यपाल का हस्ताक्षर आवश्यक है। इसी पर बैजल ने सलाह मांगी है।
सूत्रों ने कहा कि सिसोदिया ने दिसंबर में वकील राम जेठमलानी की फीस भरने के लिए कुछ अग्रिम राशि देने को भी कहा था। केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली की ओर से केजरीवाल के खिलाफ दर्ज कराए गए मानहानि के मुकदमे में जेठमलानी दिल्ली के मुख्यमंत्री के वकील हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, जेठमलानी की फीस का करीब 3.8 करोड़ रुपये की राशि बकाया है और कानून विभाग का मानना है कि जब मुकदमा सरकार से जुड़ा हुआ नहीं है तो उसकी फीस का भुगतान करदाताओं के पैसे से भुगतान क्यों होना चाहिए।
सूत्रों का कहना है कि उपराज्यपाल ने कुमार को पत्र लिखकर जानना चाहा है कि सरकार को यह भुगतान करना चाहिए या नहीं। रिपोर्ट के मुताबिक, इस केस में रामजेठमलानी ने कथित तौर पर रिटेनरशिप के रूप में एक करोड़ रुपये का बिल और कोर्ट में हर पेशी के लिए 22 लाख रुपये का बिल भेजा है।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि सीएम अरविंद केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी(आप) के नेताओं ने दिल्ली जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) में कथित तौर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। आरोप लगाया है कि जब जेटली डीडीसीए के प्रमुख थे तब वह और उनका परिवार संस्था में आर्थिक कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार थे।
इन आरोपों के खिलाफ जेटली अदालत गए और केजरीवाल सहित आशुतोष, कुमार विश्वास, संजय सिंह, राधव चड्डा और दीपक वाजपेयी के खिलाफ 10 करोड़ रुपये का मानहानि दावा किया है। इसके अलावा उन्होंने पटियाला हाउस कोर्ट में इसी मामले में आपराधिक मानहानि का मामला भी दर्ज करवाया है।