इस्लामी विद्वान मौलाना ज़ाकिर नाईक के साथ प्रोग्राम में शामिल होने के मामले में टिप्पणी पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि भड़काउ बयान देने वाले हर नेता पर बैन लग्न चाहिए।
एजेंसी सूत्रों के हवाले से जनसत्ता की एक खबर के अनुसार, गुरुवार को दिग्विजय ने कहा कि भड़काऊ भाषण देने वाले सभी धर्म के लोगों पर बैन लगना चाहिए। दिग्विजय ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘अगर भाषणों पर बैन लगाना ही है तो धर्म पर भड़काऊ भाषण देने वाले हिंदुओं, मुसलमानों, सिखों और ईसाईयों पर बैन लगना चाहिए।’
दिग्विजय ने यह भी कहा कि भारत सरकार या बांग्लादेश के पास अगर इस बात के सबूत हैं कि नाइक और आईएसआईएस में संबंध हैं तो उन्हें उनके खिलाफ एक्शन लेना चाहिए।
कांग्रेसी नेता ने कहा कि उन्होंने जाकिर नाइक के कार्यक्रम में धार्मिक कट्टरता और आतंकवाद के खिलाफ बोला था। इसके अलावा, उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द के लिए भी अपील की थी।
दिग्विजय ने कहा, ‘यह कॉन्फ्रेंस सांप्रदायिक सौहार्द के लिए था। यह कार्यक्रम आतंकवाद के खिलाफ था। यह इस बात को समझाने के लिए था कि इस्लाम निर्दोषों को मारे जाने के खिलाफ है।’ बता दें कि नाइक फिलहाल सुर्खियों में हैं। खबरें आईं कि ढाका में एक रेस्तरां पर हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों में से एक उनसे प्रभावित था।
यह मामला सामने आने के बाद कई मुस्लिम संगठनों ने नाइक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। वहीं, दिग्विजय सिंह का एक पुराना वीडियो भी सोशल मीडिया पर सर्कुलेट होने लगा, जिसमें वे नाइक की तारीफ करते नजर आते हैं। इस वीडियो में दिग्विजय सिंह यह कहते नजर आते हैं कि नाइक की वजह से हिंदुओं और मुसलमानों के बीच की खाई कम हुई है।
नाइक इस वक्त सऊदी अरब में हैं। वे 11 जुलाई को भारत लौटेंगे। इसके अगले दिन, वे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने खिलाफ लगे आरोपों पर सफाई देंगे।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा कि नाइक के भाषण और उनकी विचारधारा आपत्तिजनक हैं। उन्होंने संकेत दिया कि सरकार इस मामले में कार्रवाई कर सकती है। नायडू ने कहा, ‘गृह मंत्रालय हर चीज की तफ्तीश करेगा।’