उत्तर प्रदेश के जेल राज्य मंत्री जय कुमार सिंह जैकी ने बाराबंकी जेल अधीक्षक उमेश कुमार सिंह पर रिश्वत देने का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज कराया है। जेल राज्य मंत्री के निर्देश पर उनके गनर ने बुधवार(13 सितंबर) रात हजरतगंज कोतवाली में जेल अधीक्षक के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया है। हालांकि, जेल अधीक्षक ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
प्रतीकात्मक तस्वीरमंत्री ने मीडिया से बातचीत में बताया कि मंगलवार(12 सितंबर) रात डालीगंज स्थित जेल मंत्री अपने आवास पर थे। उसी दौरान करीब साढ़े 9 बजे बाराबंकी जेल अधीक्षक उमेश कुमार वहां आ पहुंचे। उसने मंत्री के कर्मचारी से जरुरी काम का हवाला देते हुए मिलने की बात कही। इस पर मंत्री ने उसे कमरे में बुलवाया।
राज्य मंत्री के मुताबिक, जेल अधीक्षक को नशे में देखते ही मंत्री भड़क उठे। उन्होंने उमेश कुमार को फटकारते हुए सुरक्षाकर्मियों से बाहर निकलने को कहा। इस पर जेल अधीक्षक ने जेब से एक लिफाफा निकाला और मंत्री के टेबल पर रख दिया। मंत्री के मुताबिक इस लिफाफे में 50 हजार रुपए थे।
लिफाफा देखते ही मंत्री भड़क गए और उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से जेल अधीक्षक को पकड़ने को कहा। इसके बाद उमेश कुमार वहां से भाग गया। जिसके बाद उन्होंने अपने गनर सौरभ कुमार को इस संबंध में थाने में केस दर्ज कराने के लिए कह दिया। इसके बाद बुधवार शाम मंत्री के गनर ने थाने जाकर जेल अधीक्षक के खिलाफ रिश्वत देने और नशे की हालत में आने की शिकायत करते हुए FIR दर्ज करा दिया।
वहीं, इस मामले में जेल अधीक्षक का कहना है कि वह मंगलवार को बाराबंकी में ही थे। वह लखनऊ गए ही नहीं तो मंत्री को नोटों से भरा पैकेट देने का सवाल ही नहीं उठता है। उनका कहना है कि ऐसे आरोप क्यों लगाए गए? यह समझ से परे है। अधीक्षक ने कहा कि वह मुझे पहचानते भी नहीं होंगे। FIR के बारे में उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है।