उत्तर प्रदेश में नवनिर्वाचित योगी सरकार की आज(4 मार्च) पहली कैबिनेट बैठक होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में होने वाली इस पहली बैठक में वैसे तो कई अहम फैसले लिए जाने हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा किसानों की कर्ज माफी का है। कैबिनेट की इस बैठक में किसानों की कर्जमाफी पर मुहर लगनी तय मानी जा रही है। यह बैठक करीब शाम पांच बजे आयोजित किये जाने की संभावना है।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र (चुनावी घोषणा पत्र) में सरकार बनने पर किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था। अब आज होने वाली कैबिनेट बैठक में तय होगा कि सरकार किस-किस श्रेणी के किसानों का कितना कर्ज माफ करेगी।
साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी हर चुनावी रैली में वादा किया था कि यूपी में बीजेपी सरकार आई तो पहली कैबिनेट बैठक में कर्ज माफ करने का फैसला लिया जाएगा। योगी कैबिनेट की पहली बैठक सरकार बनने के 16 दिन बाद होने जा रही है।
बताया जा रहा है कि किसानों पर करीब 92 हजार करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के केवल लघु व सीमांत किसानों का ही कर्ज माफ किया जाएगा। राज्य सरकार इतनी बड़ी राशि के लिए केंद्र सरकार से कर्ज ले सकती है।
रिपोर्ट की मुताबिक, यूपी में करीब डेढ़ करोड़ लघु तथा सीमांत किसान हैं, जिन पर करीब 62,000 करोड़ रुपये का फसली कर्ज है। बता दें कि 25 बीघा या पांच एकड़ की जोत वाले किसान ही लघु व सीमांत किसान की श्रेणी में गिने जाते हैं।
राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कुछ दिन पहले मीडिया से बात करते हुए कहा था कि चुनावी वादे के अनुरूप राज्य के किसानों का फसली कर्ज जल्द ही माफ किया जाएगा। राज्य सरकार ने लाभान्वित होने वाले किसानों की पूरी सूची तैयार कर ली है और जल्द ही इसे कैबिनेट की पहली बैठक में मंजूरी दी जाएगी।
शाही ने बताया कि राज्य में कुल डेढ करोड़ ऐसे किसान हैं, जिनका फसली कर्ज माफ किया जाएगा। बता दें कि खेत की खसरा-खतौनी पर तीन लाख रुपये तक लिए गए कर्ज पर सात फीसदी और तीन लाख से ऊपर के कृषि कर्ज पर करीब आठ फीसदी ब्याज लगता है।