आम आदमी पार्टी में कुमार विश्वास बनाम अरविंद केजरीवाल की लड़ाई ने 6 मई को उस वक्त नया मोड़ ले लिया, जब विश्वास के करीबी माने जा रहे मंत्री कपिल मिश्रा को पद से हटा दिया गया। दिल्ली सरकार से हटाए जाने के एक दिन बाद 7 मई को मिश्रा ने मुख्यमंत्री केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए।
मिश्रा ने राजघाट पर कहा कि उन्होंने जैन को केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर उन्हें 2 करोड़ रुपये नगद सौंपते हुए देखा। साथ ही मिश्रा ने आरोप लगाया कि जैन ने मुझे बताया था कि उन्होंने केजरीवाल के रिश्तेदार का 50 करोड़ रुपये का भूमि सौदा कराया है। जिसके बाद 8 मई को सीएम अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले करावल नगर से विधायक कपिल मिश्रा को आम आदमी पार्टी(आप) की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया।
इस कार्रवाई के बाद कपिल AAP नेता संजय सिंह, राघव चड्ढा, आशीष खेतान, सत्येंद्र जैन और दुर्गेश पाठक के विदेशी दौरे की जानकारी को सार्वजनिक करने की मांग को लेकर 10 मई से अनशन पर बैठ गए। जिसके बाद 14 मई को कपिल ने आम आदमी पार्टी पर चुनाव आयोग और आयकर विभाग को पार्टी फंड की सही जानकारी न देने और फर्जी कंपनियों के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप लगाया था।प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वह बेहोश हो गए जिसके बाद उन्होंने राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।कपिल मिश्रा ने कहा है कि उन्हें डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने के बाद ही हॉस्पिटल से जाने देने की बात कही। जिसके बाद द्रव पदार्थ लेकर मिश्रा ने 15 मई को 6 दिन लंबी अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दिया।