उत्तर प्रदेश में नवनिर्वाचित योगी सरकार की आज(4 मार्च) पहली कैबिनेट बैठक समाप्त हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में होने वाली इस पहली बैठक में वैसे तो कई अहम फैसले लिए गए हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण फैसला किसानों की कर्ज माफी का है।
मंगलवार को पहली कैबिनेट बैठक में योगी सरकार ने लघु एवं सीमांत किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने का बड़ा फैसला किया। इससे सभी प्रकार के बैंकों से कर्ज लेने वाले करीब 86.68 लाख किसानों को लाभ मिलेगा।इस फैसले से सरकार पर 30,729 करोड़ रुपये का व्ययभार पड़ेगा।
इसके अलावा गरीबी अथवा अन्य कारणों से बैंकों का ऋण न चुकता कर पाने वाले सात लाख किसानों के करीब 5630 करोड़ रुपये भी माफ किए गए हैं। इस तरह सरकार पर कर्जमाफी से कुल 36,359 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। इस तरह कुल मिलाकर किसानों का 36,359 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया है। यह धनराशि यूपी सरकार किसान राहत बांड जारी करके जुटाएगी और बैंकों को देगी।
कैबिनेट मंत्री और सरकारी प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि कैबिनेट बैठक में 31 मार्च 2016 तक लघु व सीमांत किसानों को जितना भी फसली ऋण दिया गया है उसका जितना बकाया 31 मार्च 2017 तक चुकाया नहीं जा सका है उसे माफ कर दिया जाएगा। प्रदेश में कुल 2.33 करोड़ किसान हैं, जिनमें 92.5 फीसदी यानी 2.15 करोड़ लघु एवं सीमांत किसान हैं।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र (चुनावी घोषणा पत्र) में सरकार बनने पर किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी हर चुनावी रैली में वादा किया था कि यूपी में बीजेपी सरकार आई तो पहली कैबिनेट बैठक में कर्ज माफ करने का फैसला लिया जाएगा।
इसके अलावा योगी सरकार द्वारा जानकारी दी गई कि प्रदेश में 26 अवैध बूचड़खानों को बंद किया गया है। कैबिनेट ने कहा है कि राज्य में अब अवैध नहीं चलेंगे, साथ ही वैध से कोई दिक्कत नहीं है। सरकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों का पालन होगा। लाइसेंस के रिन्यू पर किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी।
बता दें कि राज्य के केवल लघु व सीमांत किसानों का ही कर्ज माफ किया जाएगा। बता दें कि 25 बीघा या पांच एकड़ की जोत वाले किसान ही लघु व सीमांत किसान की श्रेणी में गिने जाते हैं। योगी कैबिनेट की पहली बैठक सरकार बनने के 16 दिन बाद हुई है।
हालांकि, योगी सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी ने पूर्ण कर्ज माफी का वादा किया था, किसी सीमा का नहीं। उन्होंने कहा कि एक लाख की सीमा से करोड़ों किसान ठगा सा महसूस कर रहे हैं। ये गरीब किसानों के साथ धोखा है।
वादा पूर्ण क़र्ज़ माफ़ी का था, किसी सीमा का नहीं. एक लाख की सीमा से करोड़ों किसान ठगा सा महसूस कर रहे है. ये गरीब किसानों के साथ धोखा है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 4, 2017
पढ़े, योगी कैबिनेट की बैठक में लिए गए 8 अन्य फैसले:
- गेहूं खरीदने के लिए पूरे प्रदेश में पांच हजार खरीद केंद्रों को मंजूरी
- एंटी रोमियो दस्ते पर मुहर लेकिन निदरेषों का उत्पीड़न हुआ तो दस्ते पर कार्रवाई
- आलू किसानों को राहत देने के लिए केशव प्रसाद मौर्य की अध्यक्षता में समिति
- नई उद्योग नीति बनेगीप्रदेश में पूंजीनिवेश हो, उद्योग आएं और युवाओं को रोजगार मिले, इसके लिए डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में समिति
- अवैध खनन रोकने के लिए मंत्री समूह का गठन करने का फैसला किया गया
- गाजीपुर में अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को मंजूरी प्रदान की गई
- प्रदेश भर में अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई पर मुहर
- पिछड़े वर्गो के लिए नए राष्ट्रीय आयोग के गठन और उसे संवैधानिक संस्था का दर्जा देने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले पर धन्यवाद प्रस्ताव मंजूर