दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार(17 अक्टूबर) को राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ को राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ के बराबर दर्जा देने की मांग को खारिज कर दिया है। याचिका में ‘वंदे मातरम’ को गाए जाने या बजाए जाने के दौरान उसी प्रकार मान-सम्मान देने की मांग की गई थी। बता दें कि ‘वंदे मातरम’ के रचनाकार बंकिम चंद्र चटर्जी हैं।

याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से राष्ट्रीय सम्मान कानून-1971 में संशोधन करने के लिए सरकार को आदेश देने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि वंदे मातरम के संबंध में कोई कानूनी प्रावधान नहीं होने के कारण लोग इसके गाए जाने के दौरान ना चाहते हुए भी असम्मान प्रदर्शित करते हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी. हरि. शंकर की पीठ ने कहा है कि हम याचिका में उठाए गए मांग से सहमत हैं और वंदे मातरम का भी विशेष सम्मान करते हैं। लेकिन, पीठ सरकार को इसे राष्ट्रगान के बराबर दर्जा देने का आदेश नहीं दे सकती।
बता दें कि इस याचिका का केंद्र सरकार ने भी विरोध किया था। केंद्र ने कहा था कि वंदे मातरम विशिष्ट स्थान है, लेकिन उसे राष्ट्रगान के बराबर नहीं माना जा सकता। गृह मंत्रालय ने अपने हलफनामे यह कहा था कि राष्ट्रध्वज एवं गान भारतीय राज्यों के आधिकारिक प्रतीक के तौर पर प्रिय हैं और उनका सम्मान किया जाता है।