पाकिस्तान में जबरन बंदूक की नोक पर शादी का शिकार हुईं भारतीय महिला उज्मा गुरुवार(25 मई) को वापस भारत लौट आई हैं। उजमा वाघा सीमा के जरिए भारत आईं, इस दौरान उन्हें भारतीय अधिकारियों ने रिसीव किया। स्वदेश लौटने पर बेहद खुश उज्मा ने वाघा सीमा पर भारत की धरती को छूकर सलाम किया।वहीं, भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी ट्वीट कर उज्मा के भारत लौटने की पुष्टि की है। सुषमा स्वराज ने उज्मा के भारत लौटने पर उनका स्वागत करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘उजमा, भारत की बेटी का अपने घर में स्वागत है। तुम्हें जिन तकलीफों से गुजरना पड़ा, उसके लिए मैं माफी चाहती हूं।’
Uzma – Welcome home India's daughter. I am sorry for all that you have gone through.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) May 25, 2017
इससे पहले बुधवार(24 मई) को इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने पाकिस्तानी व्यक्ति पर जबरन शादी करने का आरोप लगाने के बाद इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास में शरण लेने वाली भारतीय महिला उजमा को भारत लौटने की अनुमति दे दी थी। उजमा की शादी पाकिस्तान के एक शख्स ताहिर से हुई थी।
उजमा ने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी नागरिक ताहिर अली ने बंदूक का डर दिखाकर उसे शादी करने के लिए ‘मजबूर’ किया। न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कियानी उजमा और अली की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे थे। उजमा ने अनुरोध किया था कि उसे भारत भेजा जाए, जबकि अली ने कहा था कि उसे अपनी पत्नी से मिलने दिया जाए।
पाकिस्तानी अखबार ‘द डॉन’ की खबर के मुताबिक, हाई कोर्ट ने नई दिल्ली की रहने वाली उजमा को आश्वासन दिया कि वह किसी भी समय भारत लौटने के लिए स्वतंत्र हैं और उसे पुलिस सुरक्षा के साथ वाघा बार्डर पर भेजा जाएगा। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने उजमा से पूछा कि क्या वह अपने पति से बात करना चाहती है, लेकिन उसने इनकार कर दिया।
उज्मा ने आरोप लगाया कि उसके यात्रा दस्तावेज अली ने चुरा लिए थे। उजमा ने 12 मई को अदालत में याचिका दायर की थी और एक मेडिकल रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें उसने दिखाया था कि उसकी बेटी थलीसीमिया से पीड़ित है और उसे तुरंत भारत भेजे जाने की जरुरत है।खबरों के अनुसार, उजमा मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली हैं। उजमा और अली की मुलाकात मलेशिया में हुई थी और उन दोनों को प्यार हो गया था, जिसके बाद वह वाघा बार्डर के रास्ते से एक मई को पाकिस्तान गई। दोनों ने तीन मई को निकाह किया था। जिसके बाद उजमा ने आरोप लगाया था कि उसे बंदूक की नोंक पर जबरन शादी करने के लिए मजबूर किया गया था।