देश के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी तेजी से पांव पसार चुके कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर ने पूरे राज्य में कोहराम मचा रखा है। राज्य से कुछ ऐसी तस्वारें और वीडियों भी सामने आ रही है जिसे देखकर आपकी रूहें कांप उठेगी। इस बीच, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक 53 वर्षीय महिला को प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान द्वारा मृत घोषित कर दिया गया था। लेकिन उसके शव को घर ले जाया गया तब पता चला कि उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। घटना रविवार को हुई जब डॉक्टरों ने समय से पहले उसे मृत घोषित कर दिया और लाइफ सपोर्ट सिस्टम हटा दिया गया।
इंदिरानगर में रहने वाले परिवार द्वारा शूट किया गया एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें मरीज को घर पर एक ऑक्सीजन सांद्रता में देखा गया था और परिजन उसकी सांस लेने में मदद करने की कोशिश कर रहे थे। परिजन सामान्य रीडिंग के साथ मरीज की उंगली पर एक पल्स ऑक्सीमीटर भी दिखा सकते हैं और दावा कर सकते हैं कि वह अभी भी जीवित थी।
समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, मरीज के बेटे सुनील कुमार ने संवाददाताओं से कहा, “मेरी मां, जिनका पिछले तीन दिनों से अस्पताल में इलाज चल रहा था, उनकी रविवार को मौत हो गई थी। हम उन्हें घर ले आए, लेकिन यह देखते हुए कि उनका दिल अभी धड़क रहा था, हमने उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा लेकिन जब तक हम उन्हें निजी अस्पताल तक ले जा पाते, तब तक उनकी मौत हो गई।”
अस्पताल के प्रवक्ता ने आरोप से इनकार करते हुए मरीज की ईसीजी रिपोर्ट पेश की जिसमें कार्डियक फ्लैटलाइन को सबूत के रूप में दिखाया गया था कि वह अस्पताल में मर गई और बाद में उसे छुट्टी दे दी गई। उन्होंने कहा, “सभी आवश्यक उपचार दिए गए थे, लेकिन उनकी मृत्यु कार्डियक अरेस्ट से हुई।”
एक डाक्टर रुपी भगवान कहें या राक्षस आप खुद देख के फैसला करे.
???????????????????????? pic.twitter.com/ajigEN86Ag— ????अवधेश जायसवाल.???? (@ajaiswal52) May 3, 2021
गौरतलब है कि, कोरोना के नए मामले बढ़ने के साथ अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की भी भारी कमी देखने को मिल रही है और जिन संक्रमित लोगों को अस नहीं मिल पा रहा है, वह अपने घर में ही बंद पड़े हुए हैं। जिसकी वजह से बहुत से मरीजों को सही समय पर उपचार न मिल पाने की वजह से उनकी जान भी जा रही है।