उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के एक गर्ल्स हॉस्टल से शर्मसार करने वाली घटना सामने आई। हॉस्टल के वॉर्डन पर आरोप है कि उसने करीब 70 लड़कियों को अपने सामने घंटों तक कपड़े उतरवाकर उनकी पीरियड चेक किया। हालांकि, मामले की जानकारी में आते ही वॉर्डन को जिला प्रशासन ने फौरन निलंबित कर दिया। साथ ही वॉर्डन के खिलाफ कार्रवाई और जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
इस हरकत का पता चलते ही छात्राओं के अभिभावक भी स्कूल पहुंचने लगे। अभिभावकों को देखकर भावुक हुए छात्राओं ने कहा कि हमें घर ले चलो, यहां नहीं पढ़ना है। नाराज अभिभावकों का वार्डन को गुस्सा झेलना पड़ा। अध्ययनरत 70 छात्राओं में से करीब 35 छात्राओं को उनके अभिभावक अपने साथ घर लेकर चले गए।
Around 70 girls in Muzaffarnagar stripped naked by a warden to “check for menstrual blood”,warden suspended with immediate effect (March 30) pic.twitter.com/kq4TwpRbed
— ANI UP (@ANINewsUP) March 31, 2017
दरअसल यह मामला मुजफ्फरनगर के खतौली थाना क्षेत्र के तिगरी गांव स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का हैं। जहां 30 मार्च को विद्यालय की महिला वॉर्डन सुरेखा तोमर 70 छात्राओं को एक साथ कक्षा में ले जाकर नग्न अवस्था में खड़ा कर कई घंटों तक छात्राओं को पूर्ण निर्वस्त्र रखा।
छात्राओं का आरोप है कि स्कूल के टॉयलेट में खून के धब्बे मिले थे, जिसके बाद वॉर्डन ने यह शर्मनाक घटना सिर्फ उनके पीरियड्स का खून चेक करने के लिए किया। वहीं, आरोपी वॉर्डन का कहना है कि बाथरूम में खून देखकर मुझे लड़कियों की चिंता हुई, इसलिए मैंने सिर्फ चेकिंगी की थी यह देखने के लिए कि सब कुछ ठीक है या नहीं। मैं लड़कियों की पढ़ाई को लेकर सख्त रहती हूं। कुछ लोगों ने लड़कियों को मेरे खिलाफ भड़काया है।
मुजफ्फरनगर में हुई इस घटना पर राज्य सरकार के मंत्री श्रीकांत शर्मा ने भी प्रतिक्रिया दी है। शर्मा ने कहा कि यह मामला बहुत गंभीर है। मैंने इस मामले से संबंधित अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए हैं। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किया जाएगा।