केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मानी थी ऑक्सीजन की कमी से मौत की बात, पुराना वीडियो वायरल; लोगों ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

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केंद्र सरकार ने मंगलवार (20 जुलाई) को राज्यसभा में बताया कि देश के कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान किसी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में विशेष रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत का कोई भी मामला सामने नहीं आया। मोदी सरकार के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स जमकर अपना गुस्सा निकाल रहे है। वहीं, विपक्ष भी सरकार की जमकर आलोचना कर रही है। इस बीच, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने मानी थी कि ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हुई है।

नितिन गडकरी

दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी कहते दिखाई दे रहे है कि, “कोविड में इस समय हमारे देश में अनेक लोगों को ”ऑक्सीजन की कमी” के कारण अपनी जान गवानी पड़ी।”

नितिन गडकरी का यह पुराना वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, उनके इस वीडियो पर यूजर्स भी जमकर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे है। इसके साथ ही लोग मोदी सरकार की भी जमकर आलोचना कर रहे है।

 

ऑक्सीजन पर सरकार के बयान को लेकर पूर्व IAS अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने भी निशाना साधा है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “मोदी जी के अनुसार यूपी में न ऑक्सीजन की कमी थी और योगी जी ने मैनेज भी बहुत अच्छा किया था। तो क्या यूपी के लोगों को मरने का शौक था,अतः मर गए? याद है, प्रयागराज हाई कोर्ट ने कहा था कि यूपी में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत एक क्राइम है, नरसंहार से कम नही। आप सच्चे बाकी सब झूठे।”

नितिन गडकरी के वीडियो को शेयर करते हुए वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने लिखा, “मोदी जी, आपके ही मंत्री गडकरी मान रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी से लोगों की जान गवांनी पड़ी। फिर आपकी सरकार ने संसद में इतना बड़ा झूठ क्यों बोला?”

दरअसल, स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान विशेष रूप से राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की भी मौत की जानकारी नहीं दी। उन्होंने वेणुगोपाल के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

उन्होंने यह भी बताया, ‘‘बहरहाल, कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई थी । महामारी की पहली लहर के दौरान, इस जीवन रक्षक गैस की मांग 3095 मीट्रिक टन थी जो दूसरी लहर के दौरान बढ़ कर करीब 9000 मीट्रिक टन हो गई।’’

उनसे पूछा गया था कि क्या दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन न मिल पाने की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है। पवार ने बताया कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश कोविड के मामलों और मौत की संख्या के बारे में केंद्र को नियमित सूचना देते हैं। उन्होंने बताया ‘‘केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड से मौत की सूचना देने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।’’

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