गुजरात में दलितों पर कथित तौर अत्याचार का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले दिनों ऊना कांड को लेकर आलोचनाओं का शिकार हुई बीजेपी सरकार के राज में दलितों की बेरहमी से पिटाई का एक और मामला सामने आया है। चुनावी साल को देखते हुए इस मामले को भी ऊना कांड की तरह विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार के खिलाफ राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं।
Photo: TOIअंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, आणंद जिले के सोजित्रा तालुका के कासोर गांव में कथित तौर पर ऊंची जाति के कुछ लोगों ने एक दलित महिला और उसके बेटे को पहले नग्न किया और फिर दोनों की बेरहमी से पिटाई की।तस्वीर देखने से ऐसा लग रहा है कि ऊंना कांड की तरह ही इस मामले को भी दोहराने की कोशिश की गई है।
यह मामला बीते शनिवार( 12 अगस्त) का बताया जा रहा है। अखबार के अनुसार, शनिवार को हुई इस घटना में पीड़िता मणिबेन (45) और शैलेश रोहित (21) की भीड़ ने लाठियों से पिटाई की और अपशब्द कहे। इस घटना में कथित रूप से गांव के दरबार (क्षत्रिय) समुदाय के लोगों का हाथ बताया जा रहा है।
खबर के मुताबिक, ऊना कांड के पीड़ितों की तरह मणिबेन और उनका बेटा शैलेश भी मरे मवेशियों के शवों की खाल उतारने का काम करते हैं। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 323, 506 (2) और एससी-एसटी ऐक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
गौरतलब है कि पिछले साल ऊना में मरी गाय की खाल निकालने पर चार दलितों की बेरहमी से पिटाई की गई थी। जिसके बाद यह घटना आग की तरह फैल गई थी। इसके विरोध में दलितों ने गुजरात के सरकारी कार्यालयों के सामने मरी गायें डाल दी थीं। साथ ही गुजरात समेत देशभर में इस घटना के विरोध में प्रदर्शन हुए थे।