बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित इस पीठ में विभिन्न धार्मिक समुदायों से ताल्लुक रखने वाले न्यायाधीश शामिल हैं।जस्टिस कुरियन जोसेफ (ईसाई), आरएफ नरीमन (पारसी), यूयू ललित (हिंदू), अब्दुल नजर (मुस्लिम) और इस बेंच की अध्यक्षता कर रहे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश जेएस खेहर (सिख) शामिल हैं।
पीठ सात याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिनमें पांच पृथक रिट याचिकाएं मुस्लिम महिलाओं ने दायर की हैं। उन्होंने समुदाय में प्रचलित तीन तलाक की प्रथा को चुनौती दी है। याचिकाओं में दावा किया गया है कि तीन तलाक असंवैधानिक है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गर्मियों की छुट्टी में इस संवेदनशील मुद्दे पर सुनवाई करने का फैसला लिया था।